राफेल सौदे में भारत के एक बिचैलिए को दिए गए गिफ्ट के आरोपों को दसाॅल्ट कंपनी ने सिरे से खारिज कर दिया है। दसाॅल्ट एविएशन के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी ने अपनी साख के लिए बेहद सख्त कानून बनाए हैं। कंपनी किसी भी डील के लिए किसी को भी सीधे तौर पर या किसी माध्यम से प्रभावित नहीं करती है। राफेल एक देश की सरकार का दूसरे देश की सरकार के साथ सौदा है। इसमें किसी को माध्यम ही नहीं बनाया गया तो उसको धन से प्रभावित करने का सवाल ही नहीं है।
नई दिल्ली। राफेल सौदे में भारत के एक बिचैलिए को दिए गए गिफ्ट के आरोपों को दसाॅल्ट कंपनी ने सिरे से खारिज कर दिया है। दसाॅल्ट एविएशन के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी ने अपनी साख के लिए बेहद सख्त कानून बनाए हैं। कंपनी किसी भी डील के लिए किसी को भी सीधे तौर पर या किसी माध्यम से प्रभावित नहीं करती है। राफेल एक देश की सरकार का दूसरे देश की सरकार के साथ सौदा है। इसमें किसी को माध्यम ही नहीं बनाया गया तो उसको धन से प्रभावित करने का सवाल ही नहीं है।
दसाॅल्ट के प्रवक्ता ने बताया क्यों नहीं हो सकता भ्रष्टाचार
दसाॅल्ट एविएशन के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए समझौता दोनों देशों की सरकारों के बीच हुआ है। दसाॅल्ट एविएशन को इसी समझौते के तहत लड़ाकू विमानों का बेड़ा भारत को पहुंचाना है। हमारी कंपनी पर विभिन्न स्तरों पर निगरानी होती है साथ ही फ्रांस की एंटी-करप्शन एजेंसी भी सख्त निगरानी कर रही है। किसी के द्वारा करप्शन की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है कंपनी का आंतरिक कानून
प्रवक्ता ने बताया कि 2000 के बाद से दसाॅल्ट एविएशन ने आंतरिक रूप से एक ऐसा मजबूत ढांचा तैयार किया है जो किसी प्रकार की भ्रष्टाचार या कंपनी एथिक्स के खिलाफ कोई भी काम नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि चूंकि, भारत में राफेल विमानों का सौदा दो सरकारों के बीच का सौदा है इसलिए इसमें भ्रष्टाचार की एक प्रतिशत भी संभावना नहीं है। यही नहीं कांट्रेक्ट में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है जोकि तय मानक को पूरी तरह से पूरा करते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि दसाॅल्ट एविएशन और रिलायंस ग्रुप मिलकर द दसाॅल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड बनाए हैं। इस ज्वाइंट वेंचर के तहत नागपुर में प्लांट लगाया गया है जहां फैल्कन पार्ट्स तीन साल से बनाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि दसाॅल्ट एविएशन व उसकी सहयोगी कंपनी भारत में करीब 60 कंपनियों से मिलकर काम कर रही हैं।
क्या है मामला
फ्रांस के पब्लिकेशन मीडियापोर्ट ने रिपोर्ट में दावा किया है कि 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील के वक्त एक बिचैलिए को एक मिलियन यूरो की राशि दी गई थी। इसे 2017 में दसाॅल्ट के अकाउंट से गिफ्ट टू क्लाइंट्स के तौर पर ट्रांसफर किया गया था।
भारत ने फ्रांस से खरीदे 36 राफेल
भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल जेट की डील की है। इसके तहत भारत को 30 लड़ाकू और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट मिलेंगे। अभी तक भारत में 14 लड़ाकू विमान आ चुके हैं।