Deep Dive with Abhinav Khare: देशभक्ति दिखाने पर हमें दक्षिणपंथी बता दिया जाता है

कॉर्पोरेट जगत में काम कर रहे लोगों को सिखाया जाता है कि वे अपनी विचारधाराओं और विचारों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त न करें, क्योंकि यह उनके करियर को बर्बाद करता है। काफी हद तक यह सही भी है। अगर कोई व्यक्ति अपनी मातृभूमि के लिए जरा भी प्रेम दिखा दे, उसे तुरंत ही दक्षिणपंथी का तमगा लगा दिया जाता है। दक्षिणपंथी और राष्ट्रवाद एक नहीं है, क्योंकि यह हमारी संस्कृति, सभ्यता है कि हम सभी का साथ लेकर चलते हैं। हमारे मन में केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी जीवित प्राणियों के लिए यही है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2019 3:36 PM IST / Updated: Nov 18 2019, 04:06 PM IST

कॉर्पोरेट जगत में काम कर रहे लोगों को सिखाया जाता है कि वे अपनी विचारधाराओं और विचारों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त न करें, क्योंकि यह उनके करियर को बर्बाद करता है। काफी हद तक यह सही भी है। अगर कोई व्यक्ति अपनी मातृभूमि के लिए जरा भी प्रेम दिखा दे, उसे तुरंत ही दक्षिणपंथी का तमगा लगा दिया जाता है। दक्षिणपंथी और राष्ट्रवाद एक नहीं है, क्योंकि यह हमारी संस्कृति, सभ्यता है कि हम सभी का साथ लेकर चलते हैं। हमारे मन में केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी जीवित प्राणियों के लिए यही है। दक्षिणपंथी शब्द पश्चिमी देशों के द्वारा गढ़ा गया, जो हमारी संस्कृति को समझ ही नहीं पाए। भारत का आदर करना, भारतीय सेना का सम्मान करना, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। 

मैं हर रोज Deep Dive with Abhinav Khare शो लेकर आता हूं। यह वीडियो लगभग 3 लाख लोगों तक पहुंचता है। इसे कम से कम 30-40 हजार व्यू मिलते हैं। 

हाल ही में मैंने आर्टिकल-370 हटाने के समर्थन में एक वीडियो किया, फेसबुक ने इसे ब्लॉक नहीं किया गया, इसमें शैडो बैन लेकिन इसे केवल 400 व्यू मिला। इसी तरह से UAPA पर मेरे वीडियो पर हुआ। जब हम कही भी ये बताने की कोशिश करते हैं, हमें हमारे भारतीय होने पर गर्व है। इस तरह की पोस्ट पर शैडो बैन होता है। इस तरह की कई समस्याएं कई पेजों को चुनाव के दौरान भी देखने को मिलीं। इसी तरह से माई नेशन के पेज को भी बिना किसी जानकारी के शैडो बैन किया गया। 

Abhinav Khare

वॉशिंगटन पोस्ट, बीबीसी जैसे संस्थान हमें नीचा दिखाकर कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह उन्होंने 200 साल तक किया। अब यह दोबारा यही कर रहे हैं। उन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था को लूटा। इसके बावजूद उन्होंने हमें गोरों पर भार बताया। अब हम उन्हें दोबारा ऐसा नहीं करने देंगे। 
 
यदि हम कभी यह कहने की कोशिश करते हैं कि हम संघ को मानते हैं या उसका समर्थन करते हैं, तो हमें अशिक्षित गांव वाला बता दिया जाता है। लेकिन जब हम चुनाव में नतीजे देखते हैं, कांग्रेस को जिताने वाले सभी प्रडिक्ट धरे रह जाते हैं। हमने नतीजे देखे, जैसा लोग चाहते थे, वैसा ही हुआ। कांग्रेस की क्लीनस्वीप हो गई। लोगों को देश के प्रति प्रेम दिखाने पर धमकियां मिलती हैं। उन्हें, उनके परिवारों को धमकियां दी जाती हैं। यह लड़ाई 5-6 साल में खत्म नहीं होगी। इसे खत्म करने के लिए 20-30 साल लगेंगे। लेकिन वह वक्त आएगा, जब चोला और मौर्य साम्राज्य के बारे में इतिहास मिलेगा। इतिहास केवल मुगलों और अंग्रेजों के 200 साल तक सीमित नहीं है। ये जल्द ही बदलेगा।

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।

अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।
 

 

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