पाकिस्तान और चीन की आने वाली है शामत, भारत तैयार कर रहा ऐसा हथियार, जिससे दुश्मन देश के छूटने वाले है पसीने, जानें पूरी बात

Defence Research & Development Organisation (DRDO) ने भारतीय सेना (Indian Army) की जरूरत को समझते हुए कंधे से दागी जाने वाली एयर डिफेंस मिसाइलों को बड़े पैमाने तैयार करने का फैसला किया था।

sourav kumar | Published : Jun 17, 2024 1:34 AM IST / Updated: Jun 17 2024, 07:11 AM IST

DRDO Will Test New Air Defence Missile: Defence Research & Development Organisation (DRDO) ने भारतीय सेना (Indian Army) की जरूरत को समझते हुए कंधे से दागी जाने वाली एयर डिफेंस मिसाइलों को बड़े पैमाने तैयार करने का फैसला किया था। इसको मद्देनजर रखते हुए DRDO के वैज्ञानिकों ने भारतीय सेना को देश में तैयार की गई कंधे से दागी जाने वाली एयर डिफेंस मिसाइलों (Air Defence Missile) को सौंपने के पहले टेस्ट करने जा रही है। DRDO बॉर्डर से सटे इलाकों में ज्यादा स्पीड से चलने वाले ड्रोन, फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर जैसे एयर टारगेट से निपटने के लिए भारतीय सेना और वायु सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत कम दूरी की वायु रक्षा मिसाइल विकसित कर रहा है।

देश के रक्षा अधिकारियों ने ANI को बताया कि DRDO लद्दाख या सिक्किम जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में स्वदेशी तिपाई से दागी जाने वाली शॉर्ट रेंज की एयर डिफेंस मिसाइल का उच्च ऊंचाई पर टेस्ट करने पर विचार कर रही है। इस नए मिसाइल की मदद से दुश्मन देश जैसे पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) की मंसूबों पर आसानी से पानी फेरा जा सकता है। 

बॉर्डर पर उनके हाई स्पीड ड्रोन, मिसाइल और हेलीकॉप्टर को आसानी से मार गिराया जा सकता है। इसके लिए अधिकारी एयर डिफेंस मिसाइल का सफलतापूर्वक टेस्ट करने के बाद भारतीय सेना को सौंप देने की बात कही है। बता दें कि मिसाइल सिस्टम लॉंग रेंज और शॉर्ट रेंज दोनों तरह के लक्ष्यों को भेदने और मार गिराने में सक्षम है।

6,800 करोड़ के लागत से तैयार किया जा रहा एयर डिफेंस सिस्टम

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि सेना में कम दूरी के टारगेट को भेदने से जुड़े मुद्दों को सुलझा लिया गया है। इसको मद्देनजर रखते हुए एयर डिफेंस सिस्टम को तैयार करने की दिशा में काम किए जा रहे हैं। भारतीय सेना के नेतृत्व में भारतीय सेनाएं अपनी सूची में विभिन्न प्रकार की बहुत कम दूरी की एयर डिफेंस मिसाइलों की कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं। 

पाकिस्तान और चीन से हवाई खतरों से निपटने के लिए कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलों की सूची की कमी के बीच, भारतीय सेना स्वदेशी रूप से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा (VSHORAD) सिस्टम विकसित करने के लिए ₹ 6,800 करोड़ के दो मामलों में लगातार काम कर रही है। सेना और वायु सेना की सूची में वर्तमान VSHORAD मिसाइलें lR होमिंग मार्गदर्शन सिस्टम से लैस हैं, जबकि Igla 1M VSHORAD मिसाइल सिस्टम को 1989 में शामिल किया गया था और 2013 में डी-इंडक्शन के लिए योजना बनाई गई थी।

ये भी पढ़ें: ईवीएम हैकिंग पर एलन मस्क के दावों को मिला INDIA गठबंधन का साथ, राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक ने कह दी यह बात

Share this article

Latest Videos

click me!

Latest Videos

Lok Sabha Speaker News: उपसभापति पद नहीं मिला तो कैंडिडेट उतार सकती है इंडिया| India Alliance
'PM का चुप रहना ठीक नहीं' NEET मामले में कपिल सिब्बल ने उठाए कई सवाल, जांच को लेकर रखी बड़ी मांग
Delhi Water Crises News: Atishi का जल संकट पर गंभीर आरोप, BJP पर तगड़ा हमला| Arvind Kejriwal
सिक्किम में जारी कुदरत का कहर, बारिश और भूस्खलन ने सब किया तबाह, लाचुंग में दिखा ऐसा हाल
UGC NET Exam 2024 से पहले जरूर जान लें ये नियम, नहीं होगी कोई भी परेशानी