संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन भारत-चीन सीमा तनाव पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को राज्यसभा में बरसे। दो दिन पहले मंगलवार को राजनाथ ने लोकसभा में भी इसी विषय पर अपना पक्ष रखा था। उन्होंने बताया था कि वर्तमान स्थिति के मुताबिक, चीन ने सीमा से लगे इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं।
नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन भारत-चीन सीमा तनाव पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को राज्यसभा में बरसे। दो दिन पहले मंगलवार को राजनाथ ने लोकसभा में भी इसी विषय पर अपना पक्ष रखा था। उन्होंने बताया था कि वर्तमान स्थिति के मुताबिक, चीन ने सीमा से लगे इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिक और गोला-बारूद जमा कर रखे हैं।
अब संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन राजनाथ सिंह ने चीन को लेकर कहा, 'चीन कहता है कि वो LAC को नहीं मानता है।' भारतीय सेना का चीन से सामने करने को लेकर भी रक्षामंत्री ने कहा, 'हमारी सेना ने चीन के मंसूबों को भांप लिया है और वो भी हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।'
1950-60 के दशक में भी हुई थी इस पर बातचीत
राजनाथ सिंह ने कहा, 'चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है। उसका मानना है कि हिस्टोरिक्ल जुरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है। 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला।'
'शांति बहाल करने के लिए किए गए कई समझौते'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'शांति बहाल करने के लिए भारत की ओर से कई समझौते किए गए। चीन औपचारिक सीमाओं को नहीं मानता। उसकी कथनी और करनी में फर्क है। हमारे जवानों ने चीन को भारी क्षति पहुंचाई है। चीन ने एलओसी की यथास्थिति को बदलने की कोशिश की है।'
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि 'हमारी सेनाएं सीमा पर मजबूती के साथ डटी हुई हैं। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं। मैं इस मुद्दे पर ज्यादा विस्तार से नहीं बोलना चाहता हूं और इस संवेदनशीलता को सदन समझेगा।' राजनाथ सिंह ने कहा कि 'भारत की तरफ से पहले कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की गई, जबकि चीन की तरफ से इसकी शुरुआत की गई है, लेकिन हमारी सेना ने उनके इरादों को कामयाब नहीं होने दिया।'
चीन के साथ मिलकर करना चाहते हैं काम- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि 'हम इस मुद्दे को शांतिपूर्वक ढंग से सुलझाना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करे। चीन ने पिछले कई दशकों में सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी तैनाती क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधि की। हमारे सरकार ने भी सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट को पिछले स्तरों से लगभग दोगुना कर दिया है।'
सरकार गलवान के शहीदों का अपमान कर रही
बुधवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया था कि पिछले 6 महीने में भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई। इसके बाद कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य नासिर हुसैन और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ऐसे बयान देकर गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों का अपमान कर रही है। इसपर सरकार को शहीदों से माफी मांगनी चाहिए।