क्या होता है GRAP? जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की हवा पर उठाए सवाल

Published : Nov 03, 2025, 05:32 PM IST
 supreme court on Delhi AQI

सार

Delhi AQI: दिल्ली में दिवाली के दौरान 37 में से सिर्फ 9 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ही काम कर रहे थे, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि बिना सही डेटा GRAP जैसे नियम कैसे लागू किया जाएगा। कोर्ट ने CPCB-CAQM को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। 

Supreme Court on Delhi Pollution: दिवाली के बाद दिल्ली की हवा एक बार फिर जहर बन चुकी है। राजधानी में सोमवार को जब एयर क्वालिटी 'वेरी पुअर' कैटेगरी में पहुंची, उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि दिल्ली के 37 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन में से सिर्फ 9 ही काम कर रहे थे। अब बड़ा सवाल यह है कि जब हवा की मॉनिटरिंग ही ठीक से नहीं हो रही, तो GRAP (Graded Response Action Plan) को कैसे लागू किया जाएगा? सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।

हवा में जहर, सिस्टम बेअसर

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कोर्ट का ध्यान इस गंभीर लापरवाही की तरफ दिलाया। उन्होंने बताया कि दिवाली के दौरान राजधानी के कई एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन नॉन-फंक्शनल थे। उन्होंने कहा, 'अगर स्टेशन काम ही नहीं कर रहे, तो हमें कैसे पता चलेगा कि कब GRAP लागू करना है?' उनका तर्क था कि जब तक डेटा सही नहीं मिलेगा, तब तक पॉल्यूशन पर कंट्रोल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि CPCB और CAQM को प्रीएम्पटिव एक्शन लेने के निर्देश दिए जाएं, ताकि हालात गंभीर होने से पहले ही सुधार हो सके।'

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की जगह सुनवाई कर रहे CJI बीआर गवई ने कहा कि एजेंसियों को इंतज़ार नहीं करना चाहिए कि हवा सीवियर लेवल तक पहुंचे, तभी एक्शन लें। कोर्ट ने कहा, 'CPCB और स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड्स को 14 से 25 अक्टूबर के बीच एयर क्वालिटी की लगातार मॉनिटरिंग करनी चाहिए और हर दिन की रिपोर्ट फाइल करनी चाहिए।' साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 'जिन इलाकों में प्रदूषण ज्यादा है, वहां की रेत और पानी के सैंपल लेकर उनका एनालिसिस भी किया जाए।'

दिवाली पर ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति, लेकिन हकीकत कुछ और

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल दिवाली पर ग्रीन क्रैकर्स जलाने की अनुमति दी थी, वह भी सिर्फ रात 8 बजे से 10 बजे तक, लेकिन हकीकत यह रही कि राजधानी में आतिशबाजी देर रात तक चलती रही, जिससे अगले ही दिन हवा का स्तर चार साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया।

दिल्ली में AQI आज कितना है?

सोमवार सुबह दिल्ली का कुल AQI 316 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' कैटेगरी में आता है। 28 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर तो 300 से ऊपर के रीडिंग मिले, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक माने जाते हैं।

GRAP क्या है और क्यों जरूरी है?

GRAP (Graded Response Action Plan) दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने की चरणबद्ध योजना है। जैसे-जैसे हवा की गुणवत्ता गिरती है, वैसे-वैसे GRAP के अलग-अलग स्तर लागू किए जाते हैं। मॉडरेट टू पुअर (Moderate to Poor) में कचरा जलाने पर रोक, सड़क साफ-सफाई बढ़ाई जाती है। वेरी पुअर (Very Poor) में जेनरेटर बंद, पार्किंग फीस बढ़ाई जाती है। गंभीर (Severe) में स्कूल बंद करने और ट्रक एंट्री रोकने जैसे कदम उठाए जाते हैं और गंभीर+ (Emergency) में निर्माण कार्यों पर बैन और दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू किया जाता है। लेकिन जब मॉनिटरिंग स्टेशन ही खराब हैं, तो यह तय कैसे होगा कि हवा किस स्तर पर है और कौन सा कदम उठाया जाए?

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