कमज़ोर हवाओं (Weak winds) के कारण दिल्ली में एयर क्वालिटी बेहद खराब हो गई। CPCB के अनुसार AQI 366 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। जानिए किन इलाकों में हवा सबसे ज़्यादा प्रदूषित रही और मौसम विभाग ने क्या चेतावनी दी है।

नई दिल्ली। दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हर बन गई है। रविवार को हवा की रफ्तार इतनी कम थी कि प्रदूषक ऊपर नहीं जा पाए और वातावरण में फंस गए। नतीजा ये हुआ कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक दिन पहले के 303 से बढ़कर 366 तक पहुंच गया। ये स्तर “बहुत खराब” (Very Poor) कैटेगरी में आता है।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के डेटा के अनुसार, तीन जगहों पर हवा “गंभीर” (Severe) कैटेगरी में पहुंच गई, जहां AQI 400 से ऊपर दर्ज हुआ। सबसे ज़्यादा प्रदूषण वज़ीरपुर (413) में रिकॉर्ड किया गया।

हवा क्यों नहीं चली, और कैसे फंसे प्रदूषक कण?

कमज़ोर हवाएं दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या बन गई हैं। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (AQEWS) ने बताया कि रविवार शाम और रात के वक्त हवा की रफ्तार 8 किमी/घंटा से भी कम थी। हवा इतनी धीमी थी कि प्रदूषक फैल नहीं पाए और नीचे ही जमा हो गए। सिस्टम के अनुसार, जब वेंटिलेशन इंडेक्स 6,000 m²/s से कम होता है, तो प्रदूषक ऊपर नहीं जा पाते और वातावरण में ही फंस जाते हैं। यही वजह रही कि पूरी दिल्ली और एनसीआर की हवा जहरीली हो गई।

किन इलाकों में सबसे ज़्यादा प्रदूषण?

CPCB के समीर ऐप के मुताबिक, दिल्ली के 28 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने 300 से ज़्यादा रीडिंग दर्ज की, यानी "बहुत खराब" हवा। इनमें से तीन स्टेशन तो 400 से ऊपर निकल गए।

  • वज़ीरपुर-413 (Severe)
  • आनंद विहार-408 (Severe)
  • बवाना-401 (Severe)

दिल्ली से बाहर की बात करें तो हरियाणा के धारूहेड़ा में AQI 434 रिकॉर्ड किया गया, जो “गंभीर” स्थिति है। वहीं महाराष्ट्र के भिवंडी में 376 रहा। NCR के अन्य शहरों में भी हाल बुरा रहा-

  • गाजियाबाद (351), गुरुग्राम (357), नोएडा (348) और ग्रेटर नोएडा (340), जबकि फरीदाबाद 215 पर रहा जो “खराब” कैटेगरी में आता है।

क्या कहता है मौसम विभाग (IMD)?

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 30.7°C और न्यूनतम 16.8°C रहा। शाम 5:30 बजे आर्द्रता (Humidity) 75% थी।
  • IMD ने चेतावनी दी है कि सोमवार को हल्की धुंध और स्थिर मौसम बना रहेगा। हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी है लेकिन गति धीमी है, जिससे राहत की संभावना कम है।

क्या BS-III वाहनों पर बैन से सुधार होगा?

दिल्ली सरकार ने 1 नवंबर से BS-III या पुराने डीज़ल वाहनों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे प्रदूषण कम होगा? विशेषज्ञों के मुताबिक, सिर्फ वाहनों पर रोक से समस्या हल नहीं होगी, क्योंकि स्थानीय उत्सर्जन (local emission), निर्माण कार्य, और पराली का धुआं भी बड़े कारण हैं।

आखिर कब सुधरेगी दिल्ली की हवा?

AQEWS का अनुमान है कि 4 नवंबर तक दिल्ली की हवा “बहुत खराब” कैटेगरी में बनी रहेगी। यदि हवाओं की रफ्तार नहीं बढ़ी तो अगले कुछ दिनों तक हालात और बिगड़ सकते हैं। फिलहाल, विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि-

  • सुबह की सैर या आउटडोर एक्सरसाइज़ से बचें,
  • N95 या N99 मास्क पहनें,
  • और ज़रूरत न हो तो घर से बाहर न निकलें।