Diwali की लापरवाहियों का परिणाम भुगत रही Delhi, AQI अभी भी 436 के गंभीर श्रेणी में, सांस लेना हुआ दूभर

केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार पॉल्युशन के कारण लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। अगर AQI और बढ़ेगा, तो चिंताएं भी बढ़ेंगी। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 7, 2021 2:47 AM IST

नई दिल्ली। दिल्ली की आबोहवा अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने रविवार को आंकड़े जारी कर बताया कि राजधानी की हवा लगातार गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। रविवार को छुट्टी के दिन यहां की वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 436 दर्ज किया गया है।

शनिवार को भी दिल्ली की हवा बेहद खराब

दीपावली के दो दिन बाद शनिवार को भी दिल्ली की हवा 'गंभीर श्रेणी' में थी और एक्यूआई (AQI) 533 दर्ज किया गया था। दीपावली में जमकर आतिशबाजी की गई थी। इस आतिशबाजी से राजधानी की हवा को जहरीला करने का काम किया। बेतहाशा बढ़े प्रदूषण की वजह से राजधानी में धुंध जैसी स्थिति है। मोटे कोहरे की चादर जैसी धुंध राजधानी के सर पर पसरा हुआ है। 

क्या है मानक?

दरअसल, वायु की गुणवत्ता मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को मानक माना गया है। कहीं भी शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा माना जाता है। जबकि 50 से 100 के बीच ठीक ठाक होता है। 101 से 200 के बीच 'मध्यम' माना जा ता है। हालांकि, 200 के ऊपर यह आंकड़ा खराब की श्रेणी में पहुंचने लगता है। 201 और 300 के बीच 'खराब' माना जाता है। 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' कहलाता है। अगर AQI 401 और 500 के बीच पहुंच जाए, तो भयानक परिणाम दे सकता है। 

आसमान में छाई कोहरे जैसी धुएं की मोटी परत

केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार पॉल्युशन के कारण लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। अगर AQI और बढ़ेगा, तो चिंताएं भी बढ़ेंगी। लोगों का सांस लेना दूभर हो जाएगा। आंखों में जलन बढ़ेगी और गले में खराश आदि की समस्या पैदा होगी। दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार ने 20 एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए हैं। इसकी शुरुआत ITO से हुई। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 5 साल बाद सबसे अधिक है। 

बैन के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी

बैन के बावजूद दिवाली की रात लोगों ने खूब पटाखे (firecrackers) चलाए। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने लोगों ने पटाखे नहीं जलाने की अपील की थी। दिल्ली सरकार ने इस बार 'पटाखे नहीं, दीये जलाएं' अभियान चलाया था, लेकिन उसका बहुत ज्यादा नहीं देखा गया। दिल्ली में सर्दियां का मौसम शुरू होते ही एयर क्ववालिटी बेहद खराब स्थिति में पहुंच जाती है। गोपाल राय इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका आरोप है कि भाजपा ने लोगों को पटाखे जलाने के लिए उकसाया। 

दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन साउथ दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए। हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखों पर बैन किया हुआ है, लेकिन लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया।

कोहरे जैसी स्थिति, पास का ही नहीं दिख रहा

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, राजधानी क्षेत्र में विजिबिलिटी घटी है। एनसीआर के ज्यादातर इलाके जबर्दस्त प्रदूषण की चपेट में हैं। 
उधर, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Dr Randeep Guleria) ने सांस संबंधी परेशानियों से बचने के लिए मास्क के उपयोज की बात कही है। उन्होंने बताया कि एक रिसर्च के अनुसार जब भी प्रदूषण अधिक होता है, तो कुछ दिनों बाद बच्चों और बड़ों में सांस से संबंधित परेशानियां बढ़ जाती हैं। इससे बचने मॉस्क पहनें।

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