राजधानी क्षेत्र में एयर क्वालिटी खराब होने के बाद निर्माण कार्यों को बैन कर दिया गया है। निर्माण के साथ साथ ध्वस्तीकरण का काम भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
Delhi Air Quality: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। राजधानी क्षेत्र में एयर क्वालिटी खराब होने के बाद निर्माण कार्यों को बैन कर दिया गया है। निर्माण के साथ साथ ध्वस्तीकरण का काम भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन (सीएक्यूएम) के केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने दिल्ली-एनसीआर में अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के स्टेज III के तहत क्षेत्र में सभी गैर-आवश्यक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली की एक्यूआई 407
दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार की शाम चार बजे 407 रहा। राजधानी में प्रदूषण का स्तर 4 नवंबर के बाद 'गंभीर' श्रेणी में प्रवेश कर गया है। रविवार को AQI 447 था जिसके बाद CAQM ने अधिकारियों को आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर, दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। हालांकि, 14 नवम्बर को सीएक्यूएम ने अधिकारियों को जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में लागू प्रतिबंधों को हटाने का निर्देश दिया जिसमें गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध भी शामिल था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से खराब होती एयर क्वालिटी को देखते हुए अब इस प्रतिबंध को फिर से लागू कर दिया गया है।
कितनी एक्यूआई पर क्या रहती है स्थिति?
दिल्ली में एयर क्वालिटी लेवल हमेशा ही खराब रहता है। हालांकि, खतरनाक या गंभीर स्तर पर कई बार पहुंच जा रहा है। लेकिन प्रदूषण कम करने के लिए कोई प्रभावी व स्थायी कदम नहीं उठाया जा सका है। यह बात दीगर है कि राजधानी क्षेत्र की आबोहवा जैसे ही खराब हो रही है वैसे ही प्रतिबंध प्रभावी कर दिया जा रहा है। एक महीने में यह दूसरी बार है जब राजधानी में प्रतिबंध प्रभावी किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, 201 और 300 के बीच AQI को 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
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