दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मंत्री सत्येंद्र जैन को कैबिनेट से निलंबित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला अरविंद केजरीवाल को लेना है।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन को कैबिनेट से निलंबित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। सत्येंद्र जैन को ई़डी (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जज सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने भाजपा के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग की याचिका पर यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा, "इस संबंध में निर्देश जारी करना कोर्ट का काम नहीं है। यह फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को करना है। उन्हें राज्य के सर्वोत्तम हित में काम करना है और विचार करना है कि क्या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को मंत्री के रूप में बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।"
याचिकाकर्ता ने की थी जैन को निलंबित करने की मांग
याचिकाकर्ता ने पहले कहा था कि जैन को 2015-2016 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला लेनदेन में कथित संलिप्तता को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कैबिनेट से नहीं हटाया गया है। यह कानून के शासन के प्रतिकूल और असंगत है। जैन संवैधानिक शपथ लेने वाले लोक सेवक हैं। जनता के हित में और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए उन्हें कैबिनेट से निलंबित किया जाना चाहिए।
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जेल में बंद हैं जैन
याचिका में दावा किया गया है कि ऐसा परिदृश्य लोक सेवक पर लागू कानून के प्रावधान के विपरीत है। इसमें लोक सेवक को केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1965 के नियम 10 के अनुसार 48 घंटे से अधिक की हिरासत के तुरंत बाद निलंबित माना जाता है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को 30 मई को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्हें पहले पुलिस कस्टडी फिर ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया। वह अभी जेल में बंद हैं।
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