कम टेस्ट को लेकर हुई आलोचना, तो केजरीवाल सरकार ने ICMR पर फोड़ा ठीकरा, कहा- SC गाइडलाइन बदलवाए

कम टेस्ट और मरीजों की दुर्दशा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। अब इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जवाब दिया है। सतेंद्र जैन ने कम टेस्ट के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को जिम्मेदार ठहराया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2020 6:58 AM IST / Updated: Jun 13 2020, 12:30 PM IST

नई दिल्ली. कम टेस्ट और मरीजों की दुर्दशा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। अब इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जवाब दिया है। सतेंद्र जैन ने कम टेस्ट के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को जिम्मेदार ठहराया। 

सतेंद्र जैन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट को अगर टेस्टिंग बढ़वानी है तो ICMR से कहिए कि अपनी गाइडलाइन बदल दे। ICMR की गाइडलाइन की हम अवहेलना नहीं कर सकते हैं, जो उन्होंने शर्तें लगा रखी हैं पूरे देश में उन्हीं के टेस्ट हो सकते हैं। आप ICMR से, केंद्र सरकार से कहिए कि उसको खोल दे जो भी चाहे जा कर टेस्ट करा ले। 

पूरे देश में कोरोना है- स्वास्थ्य मंत्री
जैन ने कहा, कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में भी हैं और दिल्ली में भी हैं। जहां कम मामले हैं थोड़े दिनों में उनका नंबर आएगा। दिल्ली कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से 10-12 दिन पीछे चल रही है। 

<p><strong>तमिलनाडु से जांच बढ़ाईं, दिल्ली में कम हुईं</strong><br />कोरोना वायरस को रोकने के लिए टेस्टिंग को सबसे अहम माना गया है। जहां एक ओर तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मई की तुलना में जांचे बढ़ी हैं। वहीं दिल्ली में यह कम हो गई हैं। दिल्ली में मई में जहां करीब 7000 टेस्ट हर रोज हो रहे थे। अब यह घटकर 5300 के करीब आ गए हैं। वहीं, तमिलनाडु में हर रोज &nbsp;करीब 15 हजार टेस्ट और महाराष्ट्र में हर रोज 13 हजार टेस्ट हो रहे हैं।&nbsp;</p>


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को लगाई थी फटकार 
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के इलाज और अस्पतालों में कोरोना से मरने वाले मरीजों के शव के साथ गलत व्यवहार को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था, कुछ शव कूड़े में मिल रहे हैं। लोगों के साथ जानवरों से बदतर व्यवहार हो रहा है। इसके अलावा कम को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। 

तमिलनाडु से जांच बढ़ाईं, दिल्ली में कम हुईं
कोरोना वायरस को रोकने के लिए टेस्टिंग को सबसे अहम माना गया है। जहां एक ओर तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मई की तुलना में जांचे बढ़ी हैं। वहीं दिल्ली में यह कम हो गई हैं। दिल्ली में मई में जहां करीब 7000 टेस्ट हर रोज हो रहे थे। अब यह घटकर 5300 के करीब आ गए हैं। वहीं, तमिलनाडु में हर रोज  करीब 15 हजार टेस्ट और महाराष्ट्र में हर रोज 13 हजार टेस्ट हो रहे हैं।

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