दिल्ली दंगा मामला: फेसबुक इंडिया प्रमुख की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली विधानसभा की समिति को नोटिस

Published : Sep 23, 2020, 04:30 PM ISTUpdated : Sep 23, 2020, 04:35 PM IST
दिल्ली दंगा मामला: फेसबुक इंडिया प्रमुख की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली विधानसभा की समिति को नोटिस

सार

बुधवार को फेसबुक इंडिया (facebook india) के उपाध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा की समिति को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का नोटिस दे दिया है। दिल्ली दंगों के मामले में दिल्ली विधानसभा की 'शांति और सद्भाव समिति' ने फेसबुक इंडिया के खिलाफ एक नोटिस जारी किया था। इसी के खिलाफ अजीत मोहन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हांलाकि कोर्ट ने यह साफ किया है कि अगले आदेश तक  विधानसभा समिति को कोई भी बैठक आयोजित ना हो। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 अक्टूबर तक टाल दी है। 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फेसबुक इंडिया (facebook india) के उपाध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन की याचिका पर दिल्ली विधानसभा की समिति को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का नोटिस दे दिया है। दिल्ली दंगों के मामले में दिल्ली विधानसभा की 'शांति और सद्भाव समिति' ने फेसबुक इंडिया के खिलाफ एक नोटिस जारी किया था। इसी के खिलाफ अजीत मोहन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए  कहा कि आज विधानसभा की समिति को काउंटर हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है। हांलाकि कोर्ट ने यह साफ किया है कि अगले आदेश तक  विधानसभा समिति की कोई भी बैठक आयोजित ना हो। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 अक्टूबर तक टाल दी है। 

सूत्रों के अनुसार, विधानसभा की समिति ने बीते मंगलवार को फेसबुक पर लगे आरोपों की सुनवाई के दौरान उसका कोई प्रतिनिधि पेश नहीं होने पर उसे अंतिम नोटिस जारी किया था। आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और पैनल के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि फेसबुक के किसी प्रतिनिधि का समिति के सामने पेश नहीं होना, न केवल विधानसभा की अवमानना है बल्कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान भी है। इसी पर अजीत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पंहुच गए थे।

क्यों जारी किया समिति ने फेसबुक इंडिया को नोटिस

दरअसल दिल्ली विधानसभा की 'शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन को नोटिस भेजकर देश में कथित रूप से घृणास्पद सामग्री पर रोक लगाने के लिए जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं करने की शिकायतों के संबंध में पेश होने के लिए कहा था।

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