दिल्ली में महाराष्ट्र की नई सरकार को लेकर बड़े नेताओं की 'पंचायत', अलग-अलग अटकलों पर चर्चा

Published : Nov 04, 2019, 07:18 PM ISTUpdated : Nov 04, 2019, 07:28 PM IST
दिल्ली में महाराष्ट्र की नई सरकार को लेकर बड़े नेताओं की 'पंचायत', अलग-अलग अटकलों पर चर्चा

सार

नई दिल्ली में महाराष्ट्र को लेकर राजनीतिक हलचल देखने को मिली। एक ओर जहां निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात की तो वहीं, दूसरी तरफ शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। जिसके बाद कहा जा रहा है कि फडणवीस 6 नवंबर को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।

मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्‍ट्र में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने को है। चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और नतीजों में बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत भी मिल गया। मगर ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री और सरकार में बराबर के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया और अब तक सरकार नहीं बन पाई। इस बीच गठबंधन में दोनों दलों के नेताओं की ओर से परस्पर विरोधाभासी बयान आए और राज्य में नई सरकार को लेकर तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गए।

शिवसेना ने तो बीजेपी पर सरकार बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग तक का आरोप लगाया। इस बीच सोमवार को नई दिल्ली में महाराष्ट्र को लेकर राजनीतिक हलचल देखने को मिली। एक ओर जहां निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात की। जिसके बाद माना जा रहा है कि मुलाक़ात में नई सरकार बनाने का फॉर्मूला तय कर लिया गया है। हालांकि बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक होगी। बैठक के बाद ही शिवसेना के साथ पार्टी के आला नेता मीटिंग करेंगे।
 

राज्य के मौजूदा हालात को लेकर बीजेपी नेता ने क्या कहा?

उधर, कहा यह भी जा रहा है कि फडणवीस 6 नवंबर को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। इस बीच ये भी खबर है कि बीजेपी से पहले शिवसेना के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाक़ात की। दूसरी तरफ अभी कुछ दिन और सरकार बनाने को लेकर बीजेपी के इंतजार करने की बातें भी हैं। इस बीच महाराष्ट्र बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे ने कहा कि राज्य में बीजेपी-शिवसेना की ही सरकार बनेगी। हमारा जो फॉर्मूला प्रमोद महाजन के समय में (1995) तय हुआ था, उस पर हम सरकार बना चुके हैं। वही फॉर्मूला उद्धव और अमित शाह के बीच चर्चा में भी उठेगा। अलग-अलग चर्चाओं में एक फॉर्मूला 1995 का भी आ रहा है।

 

क्या है 1995 का फॉर्मूला

1995 में बीजेपी-शिवसेना ने तय किया था कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होंगे उस पार्टी का नेता मुख्यमंत्री बनेगा। जिसके कम विधायक होंगे उस पार्टी को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा। साथ ही मंत्रालयों का बंटवारा भी विधायकों के संख्याबल के आधार पर होगा। 1995 में शिवसेना को ज्यादा सीटें मिली थीं, तब शिवसेना के मनोहर जोशी मुख्यमंत्री बने थे जबकि भाजपा नेता स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।

सोनिया-पवार की मुलाक़ात

उधर, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मीटिंग हुई हुई है। एनसीपी नेताओं के मुताबिक अगर सोनिया गांधी ग्रीन सिग्नल देती हैं तो महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर शिवसेना के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाएगा। अन्यथा विपक्ष में बैठने का फैसला लिया जाएगा। मुलाकात के बाद पवार ने मीडिया से कहा, हमें विपक्ष में बैठने का नंबर मिला है जिन्हें बहुमत मिला है वह सरकार बनाए। बताते चले कि 9 नवंबर को निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। 

PREV

Recommended Stories

कोलकाता में बनी Lionel Messi की 70-फीट ऊंची मूर्ति, 14 साल बाद भारत में फुटबॉल के दिग्गज
गजब का पागलपन! Lionel Messi की एक झलक पाने कपल ने कैंसल कर दिया हनीमून प्लान