जलवायु परिवर्तन(climate change) के कारण मौसम का मिजाज लगाताार बदल रहा है। भारत और दूसरे कई देशों में ऐसी बाढ़ आई हुई है, तो कहीं जंगल आग में धधक रहे हैं।
नई दिल्ली. जलवायु परिवर्तन (climate change) देश-दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। दुनियाभर के देश इस समस्या का सामना कर रहे हैं। कहीं रिकॉर्ड बारिश होने से बाढ़ आई हुई, तो कहीं गर्मी के कारण जंगल धधक रहे हैं। आशंका है कि आने वाला समय और मुसीबत वाला साबित होगा।
तुर्की में मौत का सैलाब
तुर्की में बाढ़ के कारण 17 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने घोषणा की है कि देश के काला सागर क्षेत्र में भारी बाढ़ के कारण 17 लोग मारे गए हैं। रेस्क्यू में 4,644 कर्मियों, 19 हेलीकॉप्टरों और 24 नौकाओं को उतारा गया है। (पहली तस्वीर तुर्की की, साभार-अलजजीरा)
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जुलाई में यूरोप से लेकर एशिया और नॉर्थ अमेरिका से लेकर रूस तक करीब 40 देशों में बाढ़ आई थी। इनमें चीन, न्यूजीलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड भी शामिल थे। जबकि कई देश सूखे और गर्मी हवाओं की मार झेलते रहे। हैरानी की बात है कि रूस का साइबेरिया; जहां हमेशा ठंड रहती है, वहां भी अब गर्मी पड़ने लगी है। मई 2021 में एक रिपोर्ट जारी की गई थी, इसमें क्लाइमेट चेंज के कारण जंगलों में लगती आग को लेकर चिंता जताई गई थी। जुलाई में साबेरिया के 216 जंगलों में आग लगी थी।
भारत के कई राज्य बाढ़ की चपेट में
भारत में इस समय पश्चिम बंगाल के अलावा उत्तर प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, बिहार, गुजरात और हरियाणा के कई इलाके बाढ़ से जूझ रहे हैं। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अब स्थिति सामान्य हो रही है। देश का 12.5 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ग्रस्त है। दुनियाभर में बाढ़ से होने वाली कुल मौतों का 20 प्रतिशत भारत में है।
नासा का दावा, 2030 के दशक मे आएगी रिकॉर्ड बाढ़
क्लाइमेंट चेंज एक बड़ी चिंता बन गई है। जुलाई में अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान NASA ने चेतावनी दी कि 2030 के दशक में भयंकर बाढ़ आएगी। यह पृथ्वी के पड़ोसी ग्रहों पर हो रही हलचल के कारण होगा। 21 जून का जर्नल नेचर क्लाइमेट चेंज में इस संबंध में एक रिपोर्ट छपी थी।
ग्लोबल वॉर्मिंग एक बड़ा खतरा
कुछ दिन पहले ही NASA (National Aeronautics and Space Administration) की रिपोर्ट में दावा करके चिंता जताई गई है कि सदी के अंत तक मुंबई सहित तटीय करीब दर्जनभर शहरों में जलस्तर 2.7 फीट तक बढ़ जाएगा। इनमें मुंबई के अलावा कांडला, ओखा, भावनगर, मोरमूगांव, मंग्लोर, कोचिनस पारादीप, खिडिरपुर, विशाखापट्टनम, चेन्नई और तूतिकोरिन जैसे शहर शामिल हैं।
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