Electoral Bonds: SBI की याचिका पर 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, जानकारी देने के लिए मांगा है समय

चुनाव आयोग को चुनावी बांड की जानकारी देने के लिए SBI ने सुप्रीम कोर्ट से और समय देने की गुहार लगाई है। SBI की याचिका पर 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

 

नई दिल्ली। चुनावी बांड मामले में SBI (State Bank of India) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 मार्च को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने एसबीआई से कहा था कि वह अब तक मिले चुनावी बांड की जानकारी चुनाव आयोग को दे। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर चुनाव आयोग को चुनावी बांड की जानकारी देने के लिए और समय देने की गुहार लगाई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच एसबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगी।

दूसरी ओर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एसबीआई के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। इसपर भी 11 मार्च को सुनवाई होगी। दो गैर सरकारी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की है। एसबीआई पर आरोप लगाया गया है कि उसने चुनावी बांड योजना के बारे में जानकारी चुनाव आयोग को देने में जानबूझकर देर की है। 

Latest Videos

सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 6 मार्च तक का समय दिया था। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानकर कोर्ट की अवमानना की है। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि चुनावी बांड के संबंध में जानकारी देने की समय सीमा को 30 जून तक बढ़ाया जाए। कई विपक्षी नेताओं ने इसके लिए एसबीआई की आलोचना की है।

15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

बता दें कि 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार की चुनावी बांड योजना को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह योजना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को कहा था कि वह 2019 में योजना के अंतरिम आदेश से वर्तमान तिथि तक राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त सभी चुनावी बांड योगदान का विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग को दे।

यह भी पढ़ें- मणिपुर में एक और आर्मी अफसर का अपहरण, छुट्टियों पर आया था घर-सुबह तड़के उठा ले गई भीड़

क्या था चुनावी बांड योजना?

राजनीतिक दलों को चंदा के रूप में काला धन दिए जाने को रोकने के लिए केंद्र सरकार चुनावी बांड योजना लेकर आई थी। सरकारी बैंक एसबीआई द्वारा चुनावी बांड जारी किए जाते थे। इन्हें कोई भी कंपनी या व्यक्ति खरीद सकता था और अपने पसंद की राजनीतिक पार्टी को दान कर सकता था। राजनीतिक पार्टी द्वारा एसबीआई में बांड जमा कर पैसे लिए जाते थे। यह योजना 2018 में शुरू की गई थी। इसमें राजनीतिक दलों के लिए यह बताना जरूरी नहीं था कि उन्हें बांड किन लोगों या किन कंपनियों से मिले हैं। इस तरह दान करने वाले व्यक्ति या संस्था की पहचान गुप्त रखी जाती थी।

यह भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की सक्सेस स्टोरी को साझा कर महिला केंद्रित योजनाओं पर की बात

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun
हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
ऐसा क्या बोले राजनाथ सिंह सभा में लगने लगे 'योगी बाबा' के नारे #Shorts #rajnathsingh