सार
शुक्रवार को भी एक आर्मी अफसर का अपहरण कर लिया गया। अफसर छुट्टियों में अपने घर आया था।
Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक साल से जारी इस हिंसा में कम से कम चार आर्मी आफिसर्स का अपहरण हो चुका है। शुक्रवार को भी एक आर्मी अफसर का अपहरण कर लिया गया। अफसर छुट्टियों में अपने घर आया था। शुक्रवार की सुबह अज्ञात लोगों ने घर पर धावा बोलकर आर्मी अफसर का अपहरण कर लिया। अपहरण की सूचना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं हाथ लग सका है।
Army के जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) कोनसम खेड़ा सिंह, मणिपुर के थौबल जिले के रहने वाले हैं। वह अपने घर छुट्टियां बीताने आए थे। शुक्रवार की सुबह एक गाड़ी से अज्ञात असलहाधारी उनके घर पहुंचे। अज्ञात लोगों ने कोनसम खेड़ा सिंह को सुबह करीब 9 बजे जबरिया अपने साथ लेते गए। खेड़ा सिंह के अपहरण की सूचना परिजन ने सुरक्षा एजेंसियों को दी। आर्मी अफसर के अपहरण के बाद सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस फोर्स सक्रिय हो गए लेकिन अपहृत का कहीं पता नहीं चल सका है।
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि सूचना मिलने पर जेसीओ को बचाने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एक ज्वाइंट टीम बनाकर कोआर्डिनेट करते हुए सर्च करना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग 102 पर चलने वाले सभी वाहनों की जांच की गई जोकि जारी है। लेकिन कहीं भी जेसीओ कोनसम खेड़ा सिंह का पता नहीं चल सका है। जेसीओ का अपहरण क्यों किया गया है, किस वजह से किया गया है, किसने किया है, इन सारे सवालों के जवाब अभी मिलने हैं।
दरअसल, मणिपुर में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। केंद्रीय बलों, सुरक्षा एजेंसियों, गृह मंत्री अमित शाह के कई दिनों तक कैंप किए जाने, उनके जूनियर मंत्रियों के लगातार प्रयास और अपील के बाद भी हिंसा नहीं थम सकी है। आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद 3 मई को आदिवासी एकता रैली निकाली गई थी। इस दिन से राज्य में हिंसा हो रही है। कुकी और मेइतेई समाज के लोग आमने-सामने हैं। इसके चलते करीब 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोगों के घर जला दिए गए हैं। लोग बेघर हो चुके हैं।
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