सुरक्षाबलों ने लिया मजदूरों के खून का बदला: ग्रेनेड फेंकने वाले हाइब्रिड आतंकी सहित 2 का एनकाउंटर

यूपी के 2 मजदूरों पर ग्रेनेड फेंकने वाले हाइब्रिड आतंकी इमरान बशीर सहित एक अन्य का सुरक्षबलों ने एनकाउंटर कर दिया है। बशीर को घटना के बाद जिंदा पकड़ लिया गया था, लेकिन उसने सर्च ऑपरेशन का फायदा उठाकर भागने  की कोशिश की थी।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 19, 2022 1:15 AM IST / Updated: Oct 19 2022, 06:48 AM IST

कश्मीर. यूपी के 2 मजदूरों पर ग्रेनेड फेंकने वाले हाइब्रिड आतंकी इमरान बशीर सहित एक अन्य का सुरक्षबलों ने एनकाउंटर कर दिया है। बशीर को घटना के बाद जिंदा पकड़ लिया गया था, लेकिन उसने सर्च ऑपरेशन का फायदा उठाकर भागने  की कोशिश की थी। कश्मीर के शोपियां में यूपी के 2 मजदूरों पर लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर दानिश और आबिद के इशारे पर ग्रेनेड फेंका गया था। इस मामले में गिरफ्तार हाइब्रिड आतंकवादी हरमन निवासी इमरान बशीर गनी  के खुलासे के आधार पर सुरक्षा बल लगातार सर्चिंग कर रहे थे। जब पुलिस एवं सुरक्षा बल शोपियां के नौगाम में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, तभी आतंकवादियों से उनकी मुठभेड़ हो गई। इस दौरान गनी ने भागने की कोशिश की। मुठभेड़ में गनी सहित एक अन्य आतंकवादी मारा गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घटनास्थल से आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। तलाश अभी भी जारी है। बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा( Lieutenant Governor, Manoj Sinha) ने मंगलवार को शोपियां में दो प्रवासी कामगारों की हत्या की निंदा करते हुए सुरक्षा बलों को आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र(terror ecosystem) को कुचलने की पूरी छूट दी थी।

कुछ लोगों को पेट दर्द हो रहा है
जम्मू-कश्मीर में एक कार्यक्रम के दौरान उप राज्यपाल मनोज सिन्हा आतंकवाद और उनके समर्थकों पर जमकर बरसे। मनोज सिन्हा ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित और शोपियां में दो गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्या की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों ने एक बड़ी गलती की है। उन्हें  पछताना पड़ेगा और खामियाजा ब्याज सहित चुकाना होगा। पढ़िए और क्या बोले LG...

(जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 18 अक्टूबर को श्रीनगर में कलाकार रूबल नागी की (दाएं) पुस्तक 'द स्लम क्वीन' के विमोचन के दौरान)

कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है इसलिए जानबूझ कर निर्दोष लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। मैं जम्मू-कश्मीर और विशेष तौर पर घाटी के लोगों से निवेदन करना चाहता हूं कि उनके चेहरों को पहचानने की जरूरत है। श्रीनगर में पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए एलजी सिन्हा ने कहा, पुलवामा और शोपियां जैसे हमलों के मास्टरमाइंडों से सख्ती से निपटा जाएगा। समारोह में 'द स्लम क्वीन' शीर्षक वाली पुस्तक का विमोचन किया गया। किताब को मुंबई में बसे जम्मू-कश्मीर में जन्मे लेखक रूबल नागी ने लिखा है।

एलजी ने कहा कि जो लोग शांति को पचा नहीं सकते, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग नहीं चाहते कि कश्मीर में कारोबार बढ़े और जो नहीं चाहते कि छात्र पढ़ाई करें। हड़ताल के दिन खत्म हो गए हैं और आज विदेशों से ट्रैवल एडवाइजरी हटा ली जा रही है। जो इससे खुश नहीं हैं वे यहां शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शांति विरोधी तत्व नहीं चाहते कि आम आदमी शांतिपूर्ण माहौल में रहे और इसलिए शरारतें करते रहते हैं। लेकिन वे कभी सफल नहीं होंगे।

हाल ही में हुई हत्याओं पर न्याय की मांग करने वालों पर तंज कसते हुए एलजी सिन्हा ने कहा, सवाल उठता है कि ये लोग न्याय किसके लिए मांग रहे हैं?‌ उनका इशारा आतंकी समर्थकों की तरफ था। उन्होंने कहा कि आज सवाल उठाए जा रहे हैं कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद में इजाफा हुआ है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही तस्वीर पेश करते हैं।

एलजी ने कहा कि अल्पसंख्यकों, नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की हत्याएं अगस्त 2019 से पहले की तुलना में बहुत कम हैं। “मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सरकारी तंत्र के भीतर और बाहर मौजूद आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकने और इस जगह को आतंक मुक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।”

हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों की हत्याओं के संबंध में उन्होंने अल्पसंख्यकों के नरसंहार पर एक संक्षिप्त फेक्ट चेक रिपोर्ट प्रस्तुत की...

“1997 में बडगाम के संग्रामपोरा में सात कश्मीरी पंडित मारे गए थे। 1998 में वंधमा-गांदरबल में 26 कश्मीरी पंडित मारे गए थे। 1998 में उधमपुर के प्राणकोट में 26 हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। 1998 में डोडा के चापनारी में 25 हिंदू मारे गए थे। 2000 में अनंतनाग के छत्तीसिंहपोरा में 35 सिख मारे गए थे। 2000 में अमरनाथ यात्रा के दौरान 21 हिंदुओं और सात मुसलमानों सहित 32 लोगों की मौत हो गई थी। 2001 में किश्तवाड़ 17 हिंदू मारे गए थे। 2002 में जम्मू के कासिम नगर में 29 हिंदू मारे गए थे। 2002 में, जम्मू के कालूचक में, 23 हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। 2002 में, रघुनाथ मंदिर जम्मू हमलों में 11 लोग मारे गए थे।

जानिए कैसे बेगुनाह मजदूरों की जान ली
आतंकवादियों ने शोपियां के हरमन इलाके में एक ग्रेनेड फेंका था। इसमें उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मजदूर मनीष कुमार और राम सागर घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां दम तोड़ दिया। इसके बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गई है। ऑपरेशन के दौरान ही लश्कर के हाइब्रिड आतंकवादी गनी, जिसने ग्रेनेड फेंका था, को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान हरमन निवासी इमरान बशीर गनी के रूप में हुई है।  दोनों मजदूर यूपी के कन्नौज जिले के रहने वाले थे। जब ये टीन शेड में सो रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर ग्रेनेड फेंका। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ था, जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आज(18 अक्टूबर) शोपियां के दौरे पर जा रहे थे। इससे पहले शोपियां जिले में ही शनिवार को आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की हत्या कर दी थी।  

यह भी पढ़ें
खून का बदला खून: यूपी के मजदूरों के हत्यारे लश्कर कमांडर दानिश व आबिद की मौत करीब है, LG ने कही ये बात
आखिर क्या हैं वो 5 वजहें, जो बनाती हैं पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश

 

Read more Articles on
Share this article
click me!