Exclusive Interview: मार्केट में रोजगार की डिमांड कैसी? बता रहे हैं सबसे बड़ी इंप्लायर कंपनी के COO गुरुप्रसाद

देश में जिस तरह की बेरोजगारी है, उसे दूर करने में सरकारों के साथ निजी कंपनियां भी बड़ी भूमिका अदा कर रही हैं। एशियानेट डॉयलाग में इस बार हमारे साथ ऐसी ही कंपनी क्वेस कॉर्प के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीओओ गुरुप्रसाद श्रीनिवासन हैं। जिन्होंने कंपनी की सक्सेस का राज, देश की बेरोगजगारी जैसे मुद्दों पर बात की। 
 

Exclusiv Interview Guruprasad Srinivasan. इस बार के एशियानेट डॉयलॉग में हमारे साथ हैं क्वेस कॉर्प के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीओओ गुरुप्रसाद श्रीनिवासन। गुरुप्रसाद श्रीनिवासन क्वेस कॉर्प में भारतीय रीजन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। गुरुप्रसाद ने 2007 में इस कंपनी की स्थापना के बाद से लंबा सफर तय किया है। पिछले 14 वर्षों में कंपनी ने जो विकास किया है, उसकी कहानी भी किसी परिकथा से कम नहीं है। गुरुप्रसाद के पास स्ट्रेटजी, सेल, बिजनेस डेवलपमेंट, प्लानिंग और ऑपरेटिंग इंडस्ट्री का करीब 25 वर्षों का अनुभव है। यह कंपनी निजी क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी है। मेरिका सहित कुल 8 देशों में इसके 4.24 लाख कर्मचारी हैं। गुरुप्रसाद ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट हैं। इन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से स्टैनफोर्ड इग्नाइट सर्टिफिकेशन भी है। इनसे बात की है एशियानेट की भावना नागरिया ने। आइए जानते हैं गुरुप्रसाद श्रीनिवासन के सफल करियर और कंपनी की सफलता के बारे में...

कैसे बनी देश की सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी
गुरुप्रसाद ने कहा कि हमने बेंगलुरू के 3 बेडरूम फ्लैट से कंपनी की शुरूआत की थी। तब हमने सिर्फ 3 वर्टिकल में काम करना शुरू किया। अक्टूबर 2007 में शुरू यह कंपनी 14 वर्षों के बाद उस स्थिति में है, जहां हम गर्व कर सकते हैं। हमने धीरे-धीरे विकास करना शुरू किया और उसी वक्त देश में भी डेवलपमेंट हो रहा था। आप कह सकती हैं इकॉनमी ओपन हो रही थी और हम सही समय पर सही जगह मौजूद थे। 2012 में हमें पहला इंवेस्टर मिला। इस निवेश के बाद हमने तेजी से ग्रोथ किया और उसके बाद जो हुआ, वह अब इतिहास बन चुका है। आज देश भर में हमारे 65 ऑफिस हैं। हेड काउंट की बात करें तो निजी क्षेत्र में हम देश के सबसे बड़े इंप्लायर हैं। हम हर तरह के इंप्लाई को हायर करते हैं। फ्रंट लाइन सेल्स, बैक ऑफिस, इन बाउंड, ऑउट बाउंड हर क्षेत्र में हमारे कर्मचारी हैं। हम देश के लिए जिस तरह का इंप्लायमेंट तैयार करने का काम करते हैं, उससे हमें गर्व होता है।

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तीन वर्टिकल में हो रहा है काम 
गुरुप्रसाद ने कहा कि हमने पहले ही बताया कि हम तीन वर्टिकल में काम कर रहे हैं। पहला है वर्कफोर्स सेगमेंट, दूसरा है इंटीग्रेटड इंप्लायमेंट और तीसरा है ग्लोबल टेक्नोलॉजी इंप्लायमेंट में स्पेशिफिक टैलेंट तैयार करना। हमने इस साल से चौथा वर्टिकल भी शुरू किया है जिसे प्रोडक्ट लाइट का नाम दिया गया है। वर्कफोर्स हमारा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है जहां हम लोगों को हायर करते हैं, ट्रेंड करते हैं और फिर उन्हें रोजगार देते हैं। वर्कफोर्स में सबसे ज्यादा कर्मचारी हैं। मैं संडे को सामान खरीदने जाता हूं तो 10 में से 5 कर्मचारी हमारे मिलते हैं। एयरपोर्ट जाते हैं तो वहां भी हमारे लोग काम करते दिखते हैं। वर्कफोर्स में एक और कैटेगरी है टेक्नोलॉजी का जिसमें हम विभिन्न कॉर्पोरेट्स के लिए तकनीदी में दक्ष लोगों को हायर करते हैं। दूसरा हमारा है इंटीग्रेटेड वर्क जहां हम अपने कस्टमर की संपत्ति को हाथ में लेते हैं और पूरी तरह से उसे मैनेज करते हैं। हमारा तीसरा सेगमेंट है इंटरनेशनल तकनीक का जिसमें हम बैक ऑफिस सपोर्ट का काम करते हैं। अब हम वेबसाइट भी चलाते हैं जो देश की दूसरी सबसे बड़ी जॉब साइट है।

कम समय में तेज विकास का सीक्रेट 
इसके पीछे का सीक्रेट यही है कि हम अपने काम पर पूरी तरह से फोकस करते हैं। हम जानते हैं कि कस्टमर की डिमांड क्या है। मार्केट की डिमांड क्या है। इसी को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जाती है। आज के समय में जिस तरह से तकनीकी क विस्तार हुआ है, वह भी हमारे लिए फायदेमंद है। मैं इस बात में पूरी तरह से विश्वास रखता हूं कि हम सही समय पर सही बिजनेस से जुड़े हैं। यही हमारी सफलता का सीक्रेट है। 

देश की बेरोजगारी दूर करने में कितनी सहायक
गुरुप्रसाद ने इस सवाल पर कहा कि यह बहुत ही अच्छा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि हमने मैनपावर से शुरूआत की और बिजनेस वर्टिकल तक पहुंचे। पहले हम बिजनेस के लिए कर्मचारी उपलब्ध कराते थे और अब हम बिजनेस को टेकओवर करके उसे मैनेज करने का काम करते हैं। देखिए हमने इस तरह का बिजनेस मॉडल तैयार किया है कि किसी भी बिजनेस को टेकओवर करेंगे तो सिक्योरिटी से लेकर मेन काम और यहां तक कैफेटेरिया तक मैनेज कर लेंगे। यह हमें दूसरी कंपनियों से अलग बनाता है और यही वजह है कि हमारा कोई कंपीटिटर नहीं है। हम टाटा जैसी कंपनियों के सेगमेंट को भी मैनेज करते हैं। 

भारत में बेरोजगारी की समस्या 
इस सवाल के जवाब में गुरुप्रसाद ने कहा कि यह ऐसा सब्जेक्ट है जिस पर बहुत लंबी चौड़ी बातें की जाती हैं। हम बस इसमें थोड़ी सी मदद कर रहे हैं। लाखो लोग प्रतिवर्ष हमारे वर्कफोर्स से जुड़ते हैं। वे अलग-अलग सेगमेंट में आते हैं लेकिन बेरोजगारी को दूर करने में हम छोटी सी ही सही लेकिन अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। हमारे पास दसवीं फेल, 12वीं फेल, ग्रेजुएशन ड्रॉपआउट सभी तरह के लोग आते हैं और हम उन्हें एक स्किल में ट्रेंड करके बेहतर रोजगार देने की कोशिश करते हैं।

राज्य व केंद्र सरकारों का रोल 
इस सवाल के जवाब में गुरुप्रसाद श्रीनिवासन ने कहा कि राज्य सरकारें और प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम करें तो बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है। कई राज्यों में इसकी शुरूआत भी हुई है जिसके सुखद परिणाम सामने हैं। गवर्नमेंट-प्राइवेट मिलकर बड़ा परिवर्तन कर सकते हैं। लेकिन कहीं न कहीं पॉलिसी बदलने की भी जरूरत है। क्योंकि सरकरों के पास जो कंटेट है और जिस तरह की तकनीक या एजुकेशन है, जमीन पर जरूरत उससे बिल्कुल अलग है। इसलिए जब प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप हो तो इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

अनऑर्गनाइज सेक्टर और स्किल सेक्टर में कितना विकास
इस सवाल के जवाब में गुरुप्रसाद श्रीनविसान ने कहा कि मैं आपके सामने एक पिक्चर रखता हूं, जिससे समझ आ जाएगा कि देश में रोजगार की स्थिति क्या है। मानकर चलिए कि देश में इस वक्त 50 करोड़ का वर्कफोर्स है। इसमें से करीब 20 करोड़ लोग इनफार्मल सेक्टर में काम करते हैं। वहीं करीब 15 करोड़ लोग खेती या कृषि से जुड़े उद्योगों में लगे हैं, इसे भी असंगठित क्षेत्र ही कहा जाएगा। इसके बाद करीब 3 प्रतिशत लोग ही हैं जो फार्मल जॉब कर रहे हैं। जबकि किसी भी विकसित देश में यह संख्या 7 से 8 प्रतिशत होनी चाहिए। हालांकि हम धीरे-धीरे उस तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है। करीब 4.5 करोड़ लोग हैं जो ऑर्गनाइज सेक्टर में काम कर रहे हैं और पिछले 10 वर्षों में यह 60-70 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ा है। इस सेक्टर में भी डेवलपमेंट हो रहा है जो कि अच्छा संकेत है।

सही दिशा में हो रही ग्रोथ
गुरुप्रसाद श्रीनिवासन ने कहा कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पहले आईटी कंपनियां ही थीं फिर लॉजिस्टक्स का दौर आया। फूड और सप्लाई चेन में बड़ा विकास हुआ। यह सब मिलकर देश में रोजगार को बढ़ा रहे हैं। कई न्यू एज कंपनियां सामने आ रही हैं जिससे अलग-अलग तरह के लोगों की डिमांड की जा रही है। जिस तरह से इंडस्ट्री का विकास हुआ, उसी तरह से लोगों में जॉब को स्वीकार करने का प्रचलन बढ़ा है। फूड सप्लाई को ही देख लीजिए कि किस तरह के लोग इससे जुड़े हैं।

प्राइवेट सेक्टर-सरकार में कितनी दूरी
कई उद्योगपति अक्सर यह शिकायत करते हैं कि सरकार और प्राइवेट सेक्टर में बहुत दूरी है, बहुत अंतर है तो आप इसे कैसे देखते हैं। इस सवाल के जवाब में गुरुप्रसाद ने कहा कि मैं इस तरह से नहीं देखता हूं। मुझे कोई गैप नहीं दिखाई देता। मैं तो अब यह भी सुन रहा हूं कि सरकार भी कॉरपोरेट्स की तरह काम कर रही है। हम प्राइवेट इंडस्ट्री की इफीशियंसी की बात करें, कस्टमर तक जल्दी पहुंचने की बात करें, तकनीक के प्रयोग की बात करें तो प्राइवेट सेक्टर सरकार से आगे दिखता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सरकार में भी जिस तरह के ट्रांसफार्मेशन हुए हैं काबिलेतारीफ है। चाहे आप टैक्स डिपार्टमेंट की बात करें ईएसआई की बात करें पीएफ की बात करें, इन सबमें जिस तरह से तकनीकी का विकास हुआ है, बेहतर है।

युवाओं के लिए क्या दिया संदेश
देश के तमाम युवा गुरुप्रसाद जैसा बनना चाहते हैं। आप ऐसे युवाओं से क्या कहना चाहेंगे। इस पर गुरुप्रसाद ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं किसी से कुछ अलग तरह का हूं। यदि आप अपने काम पर फोकस करते हैं और आपके अंदर इंटरप्रेन्योशिप है तो और कोई अड़चन नहीं आएगी। आप जो भी काम करें विश्वास के साथ करें और फोकस्ड रहें, आगे पढ़ते रहेंगे।

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