कृषि कानूनों पर बनी कमेटी ने सीलबंद लिफाफे में SC को सौंपी रिपोर्ट, 85 किसान संगठनों से की चर्चा

कृषि कानूनों के विरोध में किसान लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच इस मुद्दे को हल करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। इस समिति को सुप्रीम कोर्ट ने गठित किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि किसानों के साथ बैठक के बाद और मामले का हल खोजने के लिए 85 किसान संगठनों से परामर्श कर किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 31, 2021 10:16 AM IST / Updated: Mar 31 2021, 04:04 PM IST

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के विरोध में किसान लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच इस मुद्दे को हल करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। इस समिति को सुप्रीम कोर्ट ने गठित किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि किसानों के साथ बैठक के बाद और मामले का हल खोजने के लिए 85 किसान संगठनों से परामर्श कर किया गया है। 
 
दरअसल, केंद्र सरकार पिछले साल कृषि कानून लाई थी। इसके विरोध में किसान दिल्ली से सटी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए 11 जनवरी को समिति का गठन किया था।

कौन कौन है कमेटी में?
इस कमेटी में अनिल धनवत, अशोक गुलाटी और प्रमोद जोशी शामिल हैं। इसके अलावा इस कमेटी में किसान नेता भूपिंदर सिंह मान को भी सदस्य बनाया गया था। लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। वहीं, किसान भी इस समिति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि कमेटी के सदस्य पहले ही कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। 

क्या है किसानों की मांग?
पिछले साल मोदी सरकार कृषि में सुधारों के लिए 3 बिल लाई थी। संसद में पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ये कानून बन गए हैं। कुछ किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि कृषि कानून वापस लिए जाएं। जबकि सरकार संसोधन के लिए तैयार है। वहीं, इन कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठन के बीच 12 दौर की बातचीत भी हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला। 

Share this article
click me!