Farmers Protest रहेगा जारी, MSP पर सरकार से बातचीत के लिए किसानों की 5 सदस्यीय कमेटी बनी

पिछले एक साल से किसान विभिन्न मुद्दों को लेकर दिल्ली के विभिन्न बार्डर्स पर डेरा डाले हुए हैं। बीते दिनों किसानों पर थोपे गए तीन कृषि कानूनों को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया। पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस करने का ऐलान किया था।

नई दिल्ली। किसान नेताओं का एक पांच सदस्यीय पैनल किसानों (Farmers panel) के शेष मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार के साथ बातचीत करेगा। शनिवार को दिल्ली के पास संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। मीटिंग में आंदोलन स्थलों को खाली करने पर भी चर्चा हुई। किसान दिल्ली के बार्डर्स (Delhi borders) पर जहां पिछले एक साल से तीन कृषि कानूनों (three farm laws repealed) को रद्द करने के लिए आंदोलित थे।

इन लोगों को शामिल किया गया कमेटी में

Latest Videos

किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का, अशोक धावले शामिल हैं। 7 दिसंबर को फिर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी।

किसानों ने भेजी लिस्ट

मीटिंग के बाद किसान संगठन ने केंद्र सरकार को किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की लिस्ट जारी की है। लिस्ट को किसानों ने कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव को भेज दिया है। इन किसानों के लिए केंद्र से मुआवजा मांगा गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों के बारे में जानकारी नहीं है।

किसान संगठन ने लिया निर्णय, जारी रहेगा आंदोलन

हालांकि, किसान संगठन ने मीटिंग में चर्चा के दौरान तय किया कि अभी के लिए, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी कार्यक्रम को बढ़ाने जैसी अपनी मांगों को लेकर विरोध जारी रखेंगे। एमएसपी के अलावा प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज एफआईआर वापस कराने व अन्य मांग भी शामिल है।

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के आह्वान पर मीटिंग में विभिन्न किसान संगठनों के लोग शामिल हुए। सिंघु बार्डर पर किसानों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। एमएसपी पर विमर्श के लिए किसानों की ओर से पांच नामों पर भी चर्चा हुई। केंद्र ने मंगलवार को एसकेएम से एमएसपी और अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक पैनल बनाने के लिए पांच नाम मांगे थे। वहीं मीटिंग के एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला। SKM के किसान नेता बलबीर राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जगजीत डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह और शिव कुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि भाजपा के शासन वाले हरियाणा, UP, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं। इसलिए सभी केस वापस लेने होंगे।

हरियाणा सरकार मुआवजे पर राजी नहीं: टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा में CM मनोहर लाल खट्‌टर से किसानों की मीटिंग हुई है। उसमें केस वापस लेने पर सहमति बन गई थी, लेकिन मुआवजे को लेकर बात नहीं बनी। उन्होंने कहा कि जब तक भारत सरकार से बातचीत फाइनल नहीं होती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।

Read this also:

दो महाशक्तियों में बढ़ा तनाव: US और Russia ने एक दूसरे के डिप्लोमेट्स को किया वापस

Research: Covid का सबसे अधिक संक्रमण A, B ब्लडग्रुप और Rh+ लोगों पर, जानिए किस bloodgroup पर असर कम

Covid-19 के नए वायरस Omicron की खौफ में दुनिया, Airlines कंपनियों ने double किया इंटरनेशनल fare

Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh