J&K: 370 हटाने के विरोध में मीटिंग खत्म, फारूक अब्दुल्ला बोले- लोगों को उनके अधिकार वापस मिलें

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के रिहा होते ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बुधवार को उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत 6 दलों के नेताओं से मुलाकात की है। फारूक अब्दुल्ला के निवास पर हुई इस मीटिंग को गुपकार घोषणा कहने का फैसला किया गया है। मीटिंग के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम राज्य में राजनीतिक स्थिरता चाहते हैं इसलिए हमने यह बैठक बुलाई है। 

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के रिहा होते ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बुधवार को उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत 6 दलों के नेताओं से मुलाकात की है। फारूक अब्दुल्ला के निवास पर हुई इस मीटिंग को गुपकार घोषणा कहने का फैसला किया गया है। मीटिंग के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम राज्य में राजनीतिक स्थिरता चाहते हैं इसलिए हमने यह बैठक बुलाई है। फारूक ने कहा कि हम भारत सरकार से राज्य के लोगों के अधिकार वापस मांगते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग करते हैं। हम फिर से मिलेंगे और एक रणनीति पर चर्चा करेंगे। दरअसल, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती 14 महीने की हिरासत के बाद बुधवार को रिहा हुईं हैं। 

क्या है 'गुपकार घोषणा'
गुपकार घोषणा (Gupkar Declaration) नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष के गुपकार स्थित आवास पर 4 अगस्त  2019 को हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद जारी प्रस्ताव है, जिसमें कहा गया था कि पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर कोशिश करेंगे। 

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22 अगस्त, 2020 को, जम्मू और कश्मीर के छह राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने के लिए 'गुपकार घोषणा II' पर हस्ताक्षर किया। इसमें 6 राजनीतिक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), इंडियन नेशनल कांग्रेस, J & K पीपल्स कॉन्फ्रेंस (PC), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI (M)) और द अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (ANC) शामिल हैं। 

5 अगस्त 2019 से हिरासत में थीं महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती को 5 अगस्त 2019 में हिरासत में लिया गया था। महबूबा समेत राज्य के तमाम बड़े नेताओं को इसी दिन हिरासत में लिया गया था। इस दिन केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया था। इसके बाद इसी साल फरवरी में उन्हें पीएसए के तहत बंदी बनाया गया था। मुफ्ती के अलावा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत राज्य के तमाम नेताओं को हिरासत में लिया गया था। हालांकि, धीरे धीरे करके सभी को रिहा कर दिया गया।

रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने जारी किया वीडियो
महबूबा मुफ्ती ने रिहा होने के बाद 1.23 मिनट का ऑडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, मैं आज लंबे अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा। मुझे अहसास है कि यही कैफियत जम्मू कश्मीर के तमाम लोगों को रही होगी। कोई भी शख्स उस दिन की डाकाजनी और बेइज्जती को कतई नहीं भूल सकता।

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