भारत और चीन सीमित उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं। लेकिन बीजिंग के सख्त नियमों की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। सबसे बड़ी बात कि यदि एक यात्री को कोरोना पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट आया तो पूरी उड़ान रद्द होगी।
Flights between India-China: भारत और चीन के बीच आने वाले कुछ महीनों तक सीधी फ्लाइट की संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं। बीजिंग की जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से सख्त फ्लाइट रूल्स से दोनों देशों में सीधी उड़ान सेवाएं बाधित हैं। हालांकि, वीजा में चीन के ढील दिए जाने के बाद वहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट या भारतीय परिवार दूसरे देशों के माध्यम से फ्लाइट ले रहे हैं लेकिन चीन की सख्ती हर देशों के लिए भारी साबित हो रही है। इधर, चीन ने भारत की उड़ाने बंद करने के साथ ही बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल सहित अन्य देशों को सीमित उड़ानों पर भी सख्त प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी है। भारत-चीन की सीधी फ्लाइट 2019 में वुहान में पहला कोविड केस मिलने के बाद बंद कर दिया गया था।
तीन साल बाद वीजा प्रतिबंध हटा तो आ गए मेडिकल स्टूडेंट
बीजिंग ने हाल ही में तीन साल बाद वीजा प्रतिबंध हटाया था। इस प्रतिबंध के हटाए जाने के बाद करीब 23 हजार भारतीय स्टूडेंट्स जिनमें अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे और घर वापस आ गए थे, ने जाने की तैयारी कर ली थी। लेकिन सीधी उड़ान नहीं होने की वजह से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, दूसरे देशों में जाकर फिर चीन की यात्रा करना अत्यधिक महंगा भी है।
हांगकांग के माध्यम से की जा सकती है यात्रा
भारतीय छात्र जो चीन में पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं, सरकार ने सलाह दी है कि वह हांगकांग होकर चीन की यात्रा कर सकते हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार हाल के हफ्तों में 100 से अधिक स्टूडेंट्स ने चीन जाने के लिए पहले हांगकांग की यात्रा की है, इसके बाद वह चीन पहुंचे हैं। भारत और हांगकांग के बीच सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी है और यहां से रोज उड़ानें है।
सात दिन क्वारंटीन से गुजरना होगा
अन्य देशों के माध्यम से भी यात्रा करने वाले भारतीय यात्रियों को सात दिनों की क्वारंटीन से गुजरना होगा। भारतीय लोग, श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार के रास्ते चीन की यात्रा कर रहे थे। लेकिन चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी में कोई बदलाव न करते हुए कुछ देशों से सीमित उड़ान सेवाओं की अनुमति देना शुरू कर दिया, जिसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्र में नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान शामिल हैं। लेकिन ये उड़ानें बेहद सख्त नियमों के अधीन हैं। यदि आने वाली उड़ान में कोई यात्री चीनी हवाई अड्डों पर आगमन पर कोविड पॉजिटिव मिलता है तो उन फ्लाइट्स को ही रद्द कर दिया जाएगा।
भारत भी कर रहा है लिमिटेड फ्लाइट शुरू करने की बात
भारत और चीन सीमित उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं। लेकिन बीजिंग के सख्त नियमों की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। सबसे बड़ी बात कि यदि एक यात्री को कोरोना पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट आया तो पूरी उड़ान रद्द होगी। सबसे अहम यह कि चीनी दूतावास सारे यात्रियों की टेस्ट करता है और फिर उड़ान की अनुमति देता है। इसके बाद भी अगर कोरोना पॉजिटिव किसी का आ जाए तो एयरलाइन्स की पूरी फ्लाइट कैंसिल कर कुछ दिनों तक फ्लाइट बैन का खामियाजा भी भुगतना होगा।
यह भी पढ़ें:
देश का पहला सौर उर्जा गांव बना गुजरात का मोढेरा, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन