जनरल मनोज पांडे(General Manoj Pandey) ने 30 अप्रैल को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे(General Manoj Mukund Naravane) से सेनाध्यक्ष(Chief of Army Staff) का पदभार ग्रहण किया। वे 29वें सेना प्रमुख होंगे। साथ ही वे कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं, जिन्हें यह अवसर मिला है।
नई दिल्ली. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lieutenant General Manoj Pandey) देश के नए आर्मी चीफ (Next Army Chief Of India) बनाए गए हैं। जनरल मनोज पांडे ने 30 अप्रैल को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे(General Manoj Mukund Naravane) से सेनाध्यक्ष(Chief of Army Staff) का पदभार ग्रहण किया। वे 29वें सेना प्रमुख होंगे। साथ ही वे कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं, जिन्हें यह अवसर मिला है। अब तक इन्फैंट्री, आर्टिलरी और आर्मर्ड अधिकारी ही सेना प्रमुख बनते आए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी तक थल सेना के उप-प्रमुख थे। वे जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा (LOC) पर इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाल चुके हैं।
आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम के हीरो हैं
यह बात दिसंबर 2001 की है, जब संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम चलाया गया था। इसके तहत पश्चिमी सीमा पर हथियारों और सैनिकों की बड़े युद्धस्तर पर तैनाती की गई थी। बॉर्डर पर पाकिस्तान से युद्ध के हालात हो गए थे। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने तब जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली थी।
1 मई को लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर राजू थलसेना के उप प्रमुख का पद संभालेंगे
1 मई को लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर राजू थल सेना के उप प्रमुख का कार्यभार ग्रहण करेंगे। वे बीजापुर के सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने 15 दिसंबर, 1984 को जाट रेजिमेंट में अपनी सेवा दी थी। राजू को पश्चिमी युद्ध क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान अपने पराक्रम के लिए जाना जाता है। वे नियंत्रण रेखा के पास स्थित एक आतंकवाद रोधी बल - उरी ब्रिगेड और कश्मीर घाटी में चिनार सैन्यदल की कमान संभालने का गौरव भी हासिल कर चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने भूटान में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल के कमांडेंट के रूप में भी काम किया है।
एक खबर यह भी-जेम के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी
रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सरकारी ई-मार्केट (जेम) पोर्टल के माध्यम से खरीद के आदेश 15,047.98 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचाए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 250 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। पुरानी निविदा प्रक्रिया में सुधार करने और डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी खरीद में अधिक ईमानदारी व पारदर्शिता लाने के लिए अगस्त, 2016 में जेम की शुरुआत की गई थी। जमीनी स्तर पर कई चुनौतियों के बावजूद इसके परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं।
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