प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। मां के निधन की खबर मोदी ने खुद ही ट्वीट के जरिए दी। पीएम मोदी ने अपने भाइयों के साथ मां की अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाते हुए उन्हें मुखाग्नि दी।
Hiraba Passes Away: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। मां के निधन की खबर मोदी ने खुद ही ट्वीट के जरिए दी और इसके बाद सुबह ही गांधीनगर के रायसण पहुंच गए, जहां उनकी मां हीराबेन सबसे छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ रहती थीं। हीराबा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए यहीं रखा गया था। पीएम मोदी के पहुंचने के कुछ देर बाद हीराबा अपने अंतिम सफर की ओर चल पड़ीं। इस दौरान पीएम मोदी और उनके भाइयों ने मां को कंधा दिया।
मां को अंतिम विदाई देते समय नंगे पैर दिखे मोदी..
मां हीराबा को नमन करने के बाद सुबह साढ़े 8 बजे मोदी उनकी पार्थिव देह को लेकर घर से निकले। मोदी के मन में मां को लेकर कितना सम्मान है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अर्थी को कंधा देते समय उनके पैरों में कुछ नहीं था। नंगे पैर रहते हुए ही प्रधानमंत्री ने पार्थिव देह शव वाहन में रखी और मां के बगल में ही बैठे रहे।
मां के पैर धोकर, आंखों में लगाया चरणामृत..
मुखाग्नि देने से पहले मोदी ने अंतिम संस्कार की सभी रस्मों को पूरा किया। इस दौरान मोदी ने मां के माथे, हाथ और पैरों में गंगाजल लगाया। बता दें कि हीराबा के 100वें जन्मदिन पर मोदी जब उनसे मिलने पहुंचे थे, तो उन्होंने मां के चरण धोए थे। इसके बाद उस चरणामृत को अपनी आंखों से स्पर्श किया था। मां के प्रति मोदी का सम्मान वाकई उन्हें सबसे अलग बनाता है।
कम उम्र में छोड़ा घर, पर मां से कभी न हुए दूर..
बता दें कि पीएम मोदी और मां हीराबा की ऐसी कई तस्वीरें हैं, जिनमें मां-बेटे का प्यार स्पष्ट झलकता है। मोदी मां हीराबेन को अपनी जिंदगी में कितना अहम मानते थे, ये किसी से छुपा नहीं है। मोदी ने भले ही कम उम्र में अपना घर छोड़ दिया, लेकिन मां के प्यार-दुलार से कभी दूर नहीं हुए। 8 साल पहले 2014 में जब वो पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने, तब दिल्ली जाने से पहले उन्होंने सबसे पहले मां के चरणों को छूकर आशीर्वाद लिया था।
जब मां ने जन्मदिन पर बेटे को दिए 500 रुपए..
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जब अपने पहले जन्मदिन पर मां से मिलने पहुंचे तो हीराबा ने बेटे को आशीर्वाद देते हुए 500 रुपए भी दिए थे। इस पैसे को पीएम ने जम्मू-कश्मीर के बाढ़ रिलीफ फंड में दिया था। इसी तरह, हीराबा जब मई, 2016 में बेटे से मिलने पहली बार दिल्ली आई थीं तो मोदी ने मां को व्हीलचेयर पर बैठाकर पूरा गार्डन घुमाया था।
पूरे देश के लिए सोचती थीं हीराबा तभी तो पाई-पाई जोड़कर PM केयर फंड में दान की थी इतनी बड़ी रकम
कभी मां ने भेंट की शॉल-श्रीफल तो कभी साथ में खाई खिचड़ी..
अप्रैल, 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डालने से पहले भी मोदी मां का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। तब हीराबा ने बेटे को शॉल-श्रीफल दिया। वहीं, मार्च 2022 में मोदी जब दो दिन के दौरे पर गांधीनगर पहुंचे तो उन्होंने मां के साथ बैठकर खिचड़ी खाई थी। इस दौरान वो बड़े प्यार से मां को निहारते नजर आए थे।
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