कर्नाटक के स्कूली कोर्स से हिंदूवादी नेता सावरकर का चैप्टर हटाने पर उनके पोते रंजीत सावरकर बोले-हर क्रिया की समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती...

Karnataka राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में एक साल पहले तत्कालीन बीजेपी सरकार ने वीडी सावरकर और आरएसएस संस्थापक हेडगेवार की जीवनी को पढ़ाना सुनिश्चित किया था।

Karnataka School syllabus: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव से बीजेपी और उससे जुड़े लोगों ने जोरदार ढंग से प्रतिक्रिया दी है। राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में एक साल पहले तत्कालीन बीजेपी सरकार ने वीडी सावरकर और आरएसएस संस्थापक हेडगेवार की जीवनी को पढ़ाना सुनिश्चित किया था। कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर पुराने सिलेबस को बरकरार रखते हुए हेडगेवार और सावरकर को बाहर कर दिया है। सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर का चैप्टर हटाने के फैसले का विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

सावरकर के पोते ने दिया न्यूटन के तीसरे नियम का हवाला

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रंजीत सावरकर गोवा में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सरकार के इस निर्णय को न्यूटन के तीसरे नियम का हवाला देते हुए कहा कि मैं कहूंगा कि यदि आप अधिक दमन करेंगे तो यह और अधिक प्रतिक्षेपित होगा। यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। प्रत्येक क्रिया की एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। रंजीत सावरकर ने कहा कि कांग्रेस सोच सकती है कि अध्याय को हटाने से वे छात्रों को सावरकर के बारे में जानने के अवसर से वंचित कर सकते हैं लेकिन छात्र बहुत तेज हैं। उन्होंने कहा कि सावरकर पर बहुत सारी सामग्री सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। सावरकर स्मारक ने उनके साहित्य को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। हम उन्हें कन्नड़ में भी प्रकाशित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाठ्यक्रम से अध्याय हटा दिया जाए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

क्या है कर्नाटक में स्कूली पाठ्यक्रम बदलने का मुद्दा?

सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य में कक्षा 6 से 10 तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब इस अकादमिक सत्र से आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर सहित कई चैप्टर्स हटा दिया गया। कैबिनेट ने पाठ्यक्रम में समाज सुधारक और शिक्षिका सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को जवाहरलाल नेहरू के लेटर्स और बीआर अंबेडकर पर कविता का अध्याय जोड़ने की मंजूरी दे दी। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री कुमार बंगरप्पा ने बताया था कि हमने केवल वही बहाल किया है जो पिछली भाजपा सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों से पहले था। हमने उनके द्वारा किए गए परिवर्तनों को हटा दिया है।

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