Morbi Accident: पुरानी केबल नए फ्लोर का वजन उठा पाएगी या नहीं, कॉन्ट्रेक्टर को नहीं पता था,सब 'भगवान' पर छोड़ा

गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू(मच्छू) नदी पर रविवार(30 अक्टूबर) शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने(Gujarat Bridge collapse) से हुई भीषण घटना को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। कोर्ट को बताया गया कि कॉन्ट्रेक्टर ने पुल की फ्लोर बदलने के बावजूद केबल पुरानी ही रहने दी, जिससे वो भार नहीं उठा सकी। पढ़िए कुछ खुलासे...

Amitabh Budholiya | Published : Nov 2, 2022 2:45 AM IST / Updated: Nov 02 2022, 12:03 PM IST

अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू(मच्छू) नदी पर रविवार(30 अक्टूबर) शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने(Gujarat Bridge collapse) से हुई भीषण घटना को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। हादसे के तीसरे दिन यानी 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल में जाकर घायलों से मिले। उन्होंने एसपी आफिस में एक मीटिंग भी की। इस बीच हादसे का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें लोग पुल की रस्सी पर लटके देखे जा सकते हैं। हालांकि इससे पहले कि कुछ वीडियो फेक निकले थे। (तस्वीर-मोरबी: गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम को माच्छू नदी पर बने पुल के गिरने के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे)

pic.twitter.com/WUg3Ai8Cwo

मोरबी पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदार योग्य नहीं थे
अभियोजन पक्ष(prosecution-पीड़ितों के वकील) ने मंगलवार(1 नवंबर) को यहां एक कोर्ट को बताया कि गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदार इस तरह का काम करने के योग्य नहीं थे। रविवार शाम को पुल गिरने से 135 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। अभियोजन पक्ष ने एक फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, जबकि पुल के फर्श को बदल दिया गया था, लेकिन केबल को नहीं बदला गया। इससे यह बदले हुए फर्श का भार नहीं ले पाई।

मजिस्ट्रेट की अदालत ने गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों-ओरेवा समूह(OREVA Group) के दो मैनेजरों और पुल की मरम्मत करने वाले दो सब-कॉन्ट्रेक्टर को शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अभियोजक एचएस पांचाल ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क सहित पांच अन्य गिरफ्तार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि पुलिस ने उनकी हिरासत की मांग नहीं की थी। पुलिस ने सोमवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

भगवान की मर्जी से हुआ
जिन चार लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा गया, उनमें ओरेवा के प्रबंधक दीपक पारेख और दिनेश दवे और मरम्मत करने वाले ठेकेदार प्रकाश परमार और देवांग परमार शामिल हैं, जिन्हें ओरेवा समूह ने काम पर रखा है। पांचाल ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि नए फर्श के वजन के कारण पुल की मुख्य केबल टूट गई है। हालांकि एफएसएल रिपोर्ट एक सीलबंद कवर में प्रस्तुत की गई थी। शर्मनाक बात यह रही कि मैनेजर दीपक पारेख ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त सीनियर सिविल न्यायाधीश एमजे खान को बताया कि यह भगवान की इच्छा थी, जिससे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।

केबल इतना भार नहीं उठा सकी: रिमांड याचिका के दौरान यह उल्लेख किया गया था कि मरम्मत के दौरान पुल के केबल नहीं बदले गए थे और केवल फर्श बदल दिया गया था। पुल का वजन चार लेयर एल्युमिनियम शीट के वजन के कारण बढ़ने से केबल उसका बोझ नहीं उठा सकी और टूट गई। अदालत को यह भी बताया गया कि दोनों मरम्मत करने वाले ठेकेदार इस तरह के काम को करने के लिए काबिल नहीं थे। अभियोजक ने कहा, "इसके बावजूद इन ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल की मरम्मत का काम दिया गया था। उन्हें इसके लिए चुनने का कारण क्या था और किसके कहने पर उन्हें चुना गया था? यह पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत थी।"

सिंगापुर के PM ली ने जताया शोक
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग(r Lee Hsien Loong) ने गुजरात में मोरबी पुल के दुर्भाग्यपूर्ण रूप से ढह जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संवेदना व्यक्त की है। मोदी को लिखे अपने पत्र में ली ने लिखा, "गुजरात में मोरबी पुल के ढहने और लोगों की दुखद क्षति के बारे में जानकर मुझे दुख हुआ।सिंगापुर सरकार की ओर से मैं पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति प्रकट करना चाहता हूं। इस समय के दौरान हमारी संवेदनाएं भारत के लोगों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय (MFA) ने कहा कि मुंबई में सिंगापुरी जिन्हें कांसुलर सहायता की आवश्यकता है, वे मुंबई में सिंगापुर के महावाणिज्य दूतावास से +91-82910 32836 पर या एमएफए ड्यूटी कार्यालय +65 6379 8800/8855 पर संपर्क कर सकते हैं।

कांग्रेस ने कहा, जवाबदेही तय हो
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को मोरबी की घटना पर कहा कि पुल गिरने से हुई मौतों के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।खड़गे ने ट्वीट किया, "मोरबी ब्रिज ढहने में 135 लोगों की जान जाने के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। नगर पालिका, प्राइवेट फर्म और अधिकारियों के आचरण की पूरी जांच होनी चाहिए।"  उन्होंने कहा, "एससी/एचसी जज के नेतृत्व में समयबद्ध न्यायिक जांच ही एकमात्र सहारा है।"

मोरबी: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी जिले में मंगलवार, 1 नवंबर, 2022 को हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की।

मोरबी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 1 नवंबर को मोरबी जिले में सस्पेंशन पुल गिरने के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिले थे।

यह भी पढ़ें
मोरबी हादसा के बाद कई राज्यों में पुलों की फिटनेस रिपोर्ट तलब, पश्चिम बंगाल में 2109 पुलों की होगी जांच...
मोरबी हादसे की इस तस्वीर ने किया निःशब्दः मासूम के सिर पर हाथ रख PM शायद सोचने लगे कि क्या कहकर दिलासा दिलाऊं

 

Share this article
click me!