असम में यूपी-MP से बड़ी बुलडोजर क्रांति: अवैध मदरसों के बाद सोनितपुर में 330 एकड़ सरकारी जमीन से अतिक्रमण साफ

पूर्वोत्तर राज्य (Assam) असम में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार पिछले कई दिनों से अवैध कब्जों के खिलाफ जबर्दस्त एक्शन में है। सरकार ने सोनितपुर में 330 एकड़ सरकारी जमीन से कब्जा साफ किया है।

गुवाहाटी. असम में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त कुछ मस्जिदों और मदरसों के अतिक्रमण पर बुलडोजर के एक्शन के बाद सरकार ने सोनितपुर में 330 एकड़ सरकारी जमीन से कब्जा साफ किया है। यह असम में एक बहुत बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। यूपी और मध्य प्रदेश में इतने पैमाने पर बुलडोजर नहीं चला होगा, जितना असम में चल रह है। 'बुलडोजर एक्शन' से अतिक्रमणकारियों; खासकर अवैध धंधों और आतंकवादी गतिविधियों में संदिग्ध लोगों में हड़कंप मच गया है। पूर्वोत्तर राज्य (Assam) असम में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार पिछले कई दिनों से अवैध कब्जों के खिलाफ जबर्दस्त एक्शन में है।

पुलिस के डर से ज्यादातर लोग पहले ही जमीन खाली करके भागे
इस्लामिक आतंकी संगठनों से संबंध रखने वाले मदरसों को बंद करने के अलावा असम सरकार ने सरकारी संपत्ति से अवैध अतिक्रमण को खत्म करने की दिशा में कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सरकार ने शनिवार(3 सितंबर) को सोनितपुर जिले में एक बड़ा बेदखली अभियान चलाया। यहां की 330 एकड़ सरकारी भूमि से अतिक्रमण साफ कर दिया गया। 

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50 से अधिक बुलडोजर पहुंचे थे अतिक्रमण हटाने
यह अभियान बरचल्ला विधानसभा क्षेत्र के नंबर 3 चीतलमारी क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे चलाया गया। इस अभियान की अगुवाई खुद भाजपा विधायक गणेश कुमार लिम्बु कर रहे थे। यहां अवैध मकान को गिराने के लिए करीब 50 बुलडोजर(JCB) और अन्य भारी मशीनरी के साथ बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचे थे। सरकार ने 8 महीने पहले यहां के लोगों को नोटिस जारी किया था। लिहाजा ज्यादातर लोग पहले ही यहां से जा चुके थे। ऐसे में कार्रवाई के दौरान कोई विरोध देखने को नहीं मिला।

300 परिवारों ने कर लिया था अतिक्रमण
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, इस सरकारी जमीन पर 299 परिवारों ने कब्जा कर रखा था। इनमें से 90 प्रतिशत नोटिस मिलने के बाद पहले ही जा चुके हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभियान शनिवार सुबह करीब 5 बजे शुरू हुआ। चूंकि अधिकांश लोग पहले ही जा चुके थे, इसलिए अतिक्रमण हटाने के दौरान कोई विरोध नहीं हुआ। इस बेदखली अभियान के दौरान दंगा रोधी गियर से लैस असम पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स सहित लगभग 1,200 सुरक्षा कर्मियों को घटनास्थल पर तैनात किया गया था। अभियान से पहले 31 अगस्त को सिक्योरिटी फोर्स ने रिहर्सल की थी। जिन लोगों ने नोटिस मिलने के बाद भी कब्जा नहीं छोड़ा था, इस रिहर्सल के बाद वे भी चले गए थे।

अगस्त में तीन मदरसों पर बुलडोजर चला था
असम सरकार राज्य में मस्जिदों और मदरसों से कथित तौर पर संचालित जिहादी आतंकवादी गतिविधियों पर शिकंजा कसती रही है। अगस्त में सरकार ने तीन मदरसों पर बुलडोजर चलवा दिया था। असम प्रशासन और पुलिस ने बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े मौलवियों द्वारा संचालित और प्रबंधित कई मदरसों को ध्वस्त किया है। इन मदरसे के शिक्षकों पर आतंकी कनेक्शन का आरोप है। पुलिस ने करीब 37 लोगों को अरेस्ट किया है। हालांकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्​दीन ओवैसी ने असम सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे मदरसों को बदनाम करने की साजिश बताया था।

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