नाइजीरिया से कच्चे तेल की खेप लाने गए एक जहाज के 16 भारतीय नाविकों को मध्य अफ्रीका के इक्वेटोरियल गिनी में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। भारत सरकार द्वारा उन्हें मुक्त कराने की कोशिश की जा रही है।
नई दिल्ली। मध्य अफ्रीका के इक्वेटोरियल गिनी में 16 भारतीय नाविकों को 13 अगस्त 2022 से अवैध हिरासत में रखा गया है। भारत सरकार द्वारा इन नाविकों को मुक्त कराने की कोशिश की जा रही है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारतीय नाविकों को कैद कर रखे जाने संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि हम इक्वेटोरियल गिनी में कांसुलर मुद्दे से अवगत हैं। हमारी समझ यह है कि 16 भारतीय नाविक वहां फंस गए हैं। हम नाविकों के संपर्क में हैं। इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान कराने के लिए हमारी ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। हम उनकी पूरी मदद करेंगे।
कच्चा तेल लाने नाइजीरिया गया था जहाज
बता दें कि हिरासत में लिए गए नाविक मर्चेंट नेवी फर्म एमटी हीरोइक इडुन के जहाज पर सवार थे। उनका जहाज 8 अगस्त को कच्चे तेल की खेप लेने नाइजीरिया पहुंचा था। 12 अगस्त को जहाज अंतरराष्ट्रीय पानी में था। इसी दौरान इक्वेटोरियल गिनी के नौसैनिक जहाज द्वारा उसे रोका गया और जहाज के 26 नाविकों को हिरासत में ले लिया गया। इनमें 16 भारतीय और 8 श्रीलंकाई नागरिक हैं। नाविकों को लुबा बंदरगाह ले जाया गया था।
कंपनी का क्या कहना है?
नाविकों को हिरासत में लिए जाने के संबंध में एमटी हीरोइक इडुन कंपनी ने कहा है कि पोत को 8 अगस्त को नाइजीरिया के एकेपीओ टर्मिनल में कच्चा तेल लोड करना था, लेकिन लोडिंग ऑपरेशन में देरी हुई। 8 अगस्त की शाम एक अज्ञात जहाज ने भारतीय नाविकों को उनके साथ आगे बढ़ने और उनके निर्देशों का पालन करने के लिए कहा। अज्ञात जहाज ने दावा किया था कि वे नाइजीरियाई नौसेना के थे।
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रात होने और अज्ञात जहाज द्वारा अपनी ऑटोमैटिक पहचान प्रणाली बंद किए जाने से भारतीय नाविक जहाज की पहचान नहीं कर सके। नाविकों ने समुद्री डकैती की आशंका जताई। इसके चलते जहाज को पूरी गति से भगाने की कोशिश की गई। इसके बाद मर्चेंट नेवी के जहाज को 12 अगस्त को इक्वेटोरियल गिनी की नौसेना ने जब्त कर लिया। नौ भारतीयों सहित चालक दल के 15 सदस्यों को उसी दिन मलाबो ले जाया गया और वहां उन्हें हिरासत में लिया गया। शेष 11 चालक दल के सदस्य जहाज पर बने रहे। कंपनी ने 28 सितंबर को जुर्माना भी भरा, लेकिन इसके बाद भी उसके कर्मचारियों को इक्वेटोरियल गिनी में रखा गया है।
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