Make in India: स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, मिसाइल export कर भारत कमाएगा 5 ट्रिलियन डॉलर

मिसाइल ‘मेड-इन-इंडिया‘ माणिक टर्बोफैन इंजन से लैस है। मिसाइल की लंबाई छह मीटर, पंखों की लंबाई 2.7 मीटर, व्यास 0.52 मीटर और प्रक्षेपण वजन लगभग 1.5 टन है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2021 12:38 PM IST / Updated: Aug 11 2021, 08:07 PM IST

नई दिल्ली। भारत ने ओडिशा के तट पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित स्वदेशी प्रौद्योगिकी (indegenous technology) क्रूज मिसाइल (cruise missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। मिसाइल ने स्वदेशी क्रूज इंजन के साथ लगभग 150 किमी तक उड़ान भरी।
यह मिसाइल ‘मेड-इन-इंडिया‘ (Make in India) माणिक टर्बोफैन इंजन से लैस है। मिसाइल की लंबाई छह मीटर, पंखों की लंबाई 2.7 मीटर, व्यास 0.52 मीटर और प्रक्षेपण वजन लगभग 1.5 टन है।

डीआरडीओ के अनुसार ‘नई क्रूज मिसाइल भारत-रूस संयुक्त (India-Russia) उद्यम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BRAHMOS) का पूरक होगी।‘

कुछ दिनों पूर्व ही भारत को हार्पून एंटी शिप मिसाइल को हरी झंड़ी

कुछ दिन पहले अमेरिका ने भारत को हार्पून एंटी-शिप मिसाइल बेचने के फैसले पर मुहर लगा दी थी। इसके अलावा, भारत के शस्त्रागार में ब्रह्म, आकाश, अग्नि से लेकर कई मिसाइलें हैं। उधर, आग फिर से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। नतीजतन, चीन और पाकिस्तान के आक्रामक रूख को देखते हुए, भारतीय सेना एक साथ दो मोर्चों पर लड़ने में सक्षम है। साथ ही देश अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है। 

सरकार हथियारों का निर्यात कर कमाएगी पांच अरब डॉलर

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कैबिनेट की बैठक में आकाश मिसाइल तकनीक के निर्यात पर सहमति बनी थी। सरकार ने हथियारों के निर्यात के जरिए 2025 तक 5 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 36 ट्रिलियन) कमाने का लक्ष्य रखा है। अब तक, भारत ने केवल रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है। लेकिन इस बार केंद्र ने हवाई मिसाइलों के निर्यात को हरी झंडी दे दी है। भारत की चीन को ध्यान में रखते हुए वियतनाम और इंडोनेशिया को हवाई रक्षा प्रणाली प्रदान करने की योजना है।

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