सार

यह मामला 19 फरवरी, 2018 का है। अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर एक मीटिंग हो रही थी। इसी मीटिंग में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। 

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया (Manish Sisodia) को कोर्ट ने एक और राहत दे दी है। राज्य के चीफ सेक्रेटरी रहे अंशु प्रकाश (Anshu Prakash) के साथ कथित मारपीट के मामले में दोनों को बरी कर दिया गया है। 

2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के नौ अन्य विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। 

अदालत का फैसला आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीटर हैंडल से...‘सत्यमेव जयते’ ट्वीट किया है। 

 

लेकिन दो विधायकों पर आरोप तय

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले में सीएम व डिप्टी सीएम को बरी कर दिया है लेकिन आम आदमी पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्लाह और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय किए हैं। अदालत ने आप विधायक प्रकाश जरवाल और अमानतुल्ला खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186, 353 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय करते हुए मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी है।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था केस

तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया, विधायक अमानतुल्ला खान, प्रकाश जरवाल, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। सीएम, डिप्टी समेत सभी नौ विधायक जमानत पर थे। 

दो विधायकों के खिलाफ मिले साक्ष्य, अन्य हुए बरी

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पाया कि प्रथमदृष्टया विधायक अमानुल्लाह खान व प्रकाश जारवाल के खिलाफ तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट व बदसलूकी संबंधित साक्ष्य हैं। 

यह था पूरा मामला

यह मामला 19 फरवरी, 2018 का है। अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर एक मीटिंग हो रही थी। इसी मीटिंग में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। मुख्य सचिव के केस में मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी के अलावा आप के 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया था।