चीन से बातचीत करने लद्दाख पहुंचे PGK Menon, अगले महीने संभालेंगे 14 कोर की कमान

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हिसंक झड़प के बाद से तनाव बना हुआ है। एलएसी (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए अफसर स्तर की कई बार बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन, इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला।

Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2020 2:54 AM IST / Updated: Sep 21 2020, 10:32 AM IST

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हिसंक झड़प के बाद से तनाव बना हुआ है। एलएसी (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए अफसर स्तर की कई बार बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन, इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। अगस्त में चीन ने एक बार फिर से भारत में घुसने की कोशिश की थी। इस ताजा तनाव के बाद दोनों देशो में बातचीत बंद हो गई। लेकिन, अब एक बार फिर से बॉर्डर पर भारत-चीन की सेना के अफसर बतचीत की टेबल पर आमने-सामने हैं। इस बैठक में सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन चुशुल-मोल्दो में भारत-चीन की महत्वपूर्ण वार्ता के लिए पहुंच चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन आज की वार्ता में सेना मुख्यालय प्रतिनिधि हैं।

अगले महीने लद्दाख में 14 कोर की संभालेंगे कमान

 सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन अगले महीने 14 कोर की कमान संभालेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह की जगह लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल मेनन, फिलहाल सेना मुख्यालय में शिकायत सलाहकार बोर्ड (सीएबी) के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में तैनात हैं। वह सीधे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को रिपोर्ट करते हैं। वह इस साल जनवरी से सिख रेजिमेंट के कर्नल ऑफ द रेजिमेंट भी रहे हैं।

यह पहला मौका नहीं है, जब लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन चीन के साथ वार्ता कर रहे हैं. दो साल पहले नवंबर 2018 में, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश-तिब्बत सीमा पर भारत और चीन के बीच बुम ला में पहली मेजर जनरल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया था। उस समय वह असम मुख्यालय वाले 71 इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) थे।

 सीमा पर सेना को कम करने पर हो सकती है बात

सोमवार सुबह दोनों देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर लेवल की बातचीत होगी। जहा जा रहा है कि इस बैठक में विवाद को सुलझाने, सैनिकों की संख्या कम करने पर जोर होगा। भारत की ओर से इस बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह (कॉर्प्स कमांडर) रहेंगे, जबकि चीन की ओर से मेजर जनरल लिन लिउ (PLA) मौजूद होंगे। ये बैठक मोल्डो इलाके में होगी। वहीं, बताया जा रहा है कि इस बार भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के अधिकारी नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद रह सकते हैं। नवीन, ज्वाइन सेक्रेटरी हैं और विदेश मंत्रालय के ईस्ट एशिया विभाग में कार्यरत हैं। इसके अलावा वो उस पैनल का भी हिस्सा हैं, जो चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करती हैं। 

IG ITBP भी होंगे इस बैठक में शामिल

भारतीय डेलिगेशन में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के अलावा मेजर जनरल अभिजीत बापत, मेजर जनरल पदम शेखावत, दीपक सेठ (IG ITBP) और चार अन्य ब्रिगेडियर भी बैठक का हिस्सा बनेंगे। भारत की ओर से स्थिति साफ कर दी गई है कि वो एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे और अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि इस बार बातचीत में देपसांग का मसला भी उठ सकता है, क्योंकि चीन की ओर से बड़े स्तर पर यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराई गई है। 

साथ ही मुख्य फोकस पैंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जारी हलचल पर होगा। भारत की ओर से गलवान की तरह ही इन इलाकों में सैनिकों को हटाने की मांग की जाएगी। विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों के बीच जो बैठक हुई थी और उसमें जो तय हुआ था, भारत की ओर से उन्हीं बातों का पालन करने की मांग की जाएगी। भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कई बार इस बात को साफ कर चुके हैं कि बॉर्डर पर हालात बिगड़ने के पीछे चीन की जिद है, चीन एलएसी को नहीं मान रहा है। ऐसे में भारत को ना ही कोई पैट्रोलिंग से रोक सकता है और ना ही कोई LAC को बदल सकता है। अब इन्हीं मसलों पर आगे की बात की जा रही है।

Share this article
click me!