कारगिल विजय दिवस : पाकिस्तान में घुसकर बम गिराने की थी प्लानिंग, लेकिन अटल सरकार ने रोक दिया था

कारगिल विजय दिवस के 21 साल पूरे हो गए हैं। 26 जुलाई 1999 को खत्म हुए यह युद्ध दो महीने से ज्यादा चला। इसमें भारत की ओर से 527 जवान शहीद हो गए।  24 जून 1999 को टाइगर हिल पर भारतीय वायुसेना ने पहली बार लेजर गाइडेड बमों से हमला किया था। कारगिल युद्ध के बारे में कुछ फैक्ट्स बताते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 25, 2020 1:43 PM IST

नई दिल्ली. कारगिल विजय दिवस के 21 साल पूरे हो गए हैं। 26 जुलाई 1999 को खत्म हुए यह युद्ध दो महीने से ज्यादा चला। इसमें भारत की ओर से 527 जवान शहीद हो गए।  24 जून 1999 को टाइगर हिल पर भारतीय वायुसेना ने पहली बार लेजर गाइडेड बमों से हमला किया था। कारगिल युद्ध जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में मई और जुलाई 1999 के बीच हुआ। युद्ध के वक्त तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस था। कारगिल युद्ध के बारे में कुछ फैक्ट्स बताते हैं।  

भारतीय सीमा में हुई थी घुसपैठ की कोशिश
पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन बाद भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

चरवाहों ने दी घुसपैठियों की खबर
भारतीय सेना को स्थानीय चरवाहों ने घुसपैठियों की जानकारी दी। इसके बाद ऑपरेशन विजय की शुरुआत हुई।

भारतीय वायुसेना ने दुश्मन के ठिकानों पर बरसाईं मिसाइल
भारतीय वायुसेना ने 26 मई को सेना के समर्थन में ऑपरेशन शुरू किया। भारतीय मिग -21, मिग -27 और मिराज -2000 लड़ाकू विमानों ने कारगिल युद्ध में रॉकेट और मिसाइलों को अपनी ओर से दुश्मन के ठिकानों पर फायर किया।

पाकिस्तान में बम गिराने की योजना थी
भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान में बम विस्फोट करने की योजना बनाई थी। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन एनडीए सरकार ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अनिल यशवंत टिपनिस को निर्देश दिया कि उनके लड़ाकू विमानों को किसी भी परिस्थिति में नियंत्रण रेखा पार नहीं करनी चाहिए।

एलओसी पार करना चाहती थी वायुसेना
भारतीय वायुसेना भी कारगिल युद्ध के दौरान एलओसी को थोड़ा पार करना चाहती थी लेकिन इस अनुरोध को भी सरकार ने खारिज कर दिया था। पाकिस्तान ने दो भारतीय फाइटर जेट को मार गिराया, जबकि एक अन्य ऑपरेशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

पाकिस्तान के व्यापार मार्गों को काटने की धमकी
भारतीय नौसेना ने तेल और ईंधन की आपूर्ति को रोकने के लिए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बंदरगाहों, विशेष रूप से कराची में नाकाबंदी करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। पश्चिमी और पूर्वी बेड़े ने अरब सागर में गश्त की और पाकिस्तान के व्यापार मार्गों को काटने की धमकी दी।

पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद मांगी
पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप करने के लिए कहा, लेकिन तब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इस्लामाबाद को नियंत्रण रेखा से अपने सैनिकों को वापस बुला लेना चाहिए।   

Share this article
click me!