भारतीय सेना को मिली दुश्मनों को धूल चटाने 'मेड इन इंडिया' लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल, ये है पूरा मामला

भारतीय सेना को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) और भारतीय सेना ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित केके रेंज में मेड इन इंडिया 'लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल(ATGM) का सक्सेसफुल परीक्षण किया। यानी अब दुश्मनों को और करीब तक मार गिराया जा सकता है।

नई दिल्ली. भारत की सेना की ताकत में एक और बड़ा ईजाफ हुआ है। भारतीय सेना को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) और भारतीय सेना ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित केके रेंज में मेड इन इंडिया(made in India) 'लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल(ATGM) का सक्सेसफुल परीक्षण किया। यानी अब दुश्मनों को और करीब तक मार गिराया जा सकता है।

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जानिए पूरी कहानी
DRDO और भारतीय सेना ने केके रेंज में मेन बैटल टैंक (एमबीटी) अर्जुन से इसे दागा। इसे आर्म्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल(ACC&S) के सपोर्ट से 28 जून को टेस्ट किया गया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने एकदम सटीक निशाना लगाया। इस मिसाइल के जरिये दुश्मनों को अधिकतम सीमा तक मारा जा सकता है। टेलीमेट्री सिस्टम के जरिये मिसाइल के संतोषजनक प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया गया। ऑल-इंडिजिनस एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) संरक्षित बख्तरबंद व्हीकल्स को हराने में टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है। एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च कैपेसिटी के साथ डेवलप किया गया है। वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से तकनीकी परीक्षण चल रहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम का विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल विकास से एमबीटी अर्जुन की मारक क्षमता में वृद्धि होगी।

क्या है MBT अर्जुन टैंक
मुख्य बैटल टैंक (MBT) अर्जुन बैटल व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेबिलिशमेंट (CVRDE) के साथ DEDO का एक मल्टी लैब प्रोग्राम है। यह बेहतर अग्नि शक्ति, हाईस्पीड और बेस्ट सिक्योरिटी के साथ एक अत्याधुनिक टैंक है। एमबीटी अर्जुन के 12  एमके 1 प्रोटोटाइप का निर्माण किया गया है। उनके प्रदर्शन परीक्षणों ने संतोषजनक रिजल्ट दिए हैं। यह नई मिसाइल इसी टैंक के जरिये लॉन्च की जाएगी।

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