महाराष्ट्र का शहर मुंबई भी तटीय शहर होने के नाते समुद्र के स्तर में वृद्धि के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। अध्ययनों से पता चलता है कि अगर वैश्विक समुद्र का स्तर इसी दर से बढ़ता रहा तो 2050 तक शहर का एक बड़ा हिस्सा पानी के नीचे जा सकता है। मुंबई प्रचंड चक्रवातों और तूफानी लहरों की चपेट में रहता है जिससे निचले इलाकों में गंभीर बाढ़ आ सकती है। अरब सागर की गर्मी बढ़ने से इन घटनाओं की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। मुंबई के वर्ली, नरिमन पॉइंट और कोलाबा जैसे क्षेत्र बढ़ती बाढ़ का सामना कर सकते हैं।