डूबते शहर: क्या ये खूबसूरत जगहें जल्द बन जाएंगी इतिहास?
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जकार्ता (DJakarta)
इंडोनेशिया का खूबसूरत शहर जकार्ता पिछले कुछ सालों से हर साल 10 सेंटीमीटर तक धंस रहा है। ग्राउंड वाटर के अत्यधिक दोहन की वजह से शहर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। ग्राउंड वाटर हार्वेस्टिंग और समुद्र के बढ़ते स्तर से जकार्ता शहर डूबने की ओर अग्रसर है। आईपीसीसी रिपोर्ट के अनुसार, यही स्थिति बनी रही तो 2030 तक जकार्ता का बड़ा हिस्सा पानी में डूब जाएगा। इससे लाखों लोगों के विस्थापित होने का खतरा है। इंडोनेशियाई सरकार ने राजधानी को बोर्नियो द्वीप पर एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की योजना भी बनाई है।
मियामी (Miami)
अमेरिका का मियामी शहर भी पानी में डूबने की ओर है। मियामी समुद्र के बढ़ते स्तर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। यह काफी कम ऊंचाई पर है। इसकी लाइमस्टोन के बने बेडरॉक छिद्रदार हैं जो पानी को रिसकर बाढ़ का कारण बनती हैं। मियामी अक्सर तूफान की चपेट में रहता है। जलवायु परिवर्तन से यहां अधिक तूफान और बाढ़ की आशंका है। 2030 तक इस शहर का अधिकतर हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। इससे रियल एस्टेट, टूरिज्म और उद्योग प्रभावित होगा।
वेनिस (Venice)
इटली का खूबसूरत शहर वेनिस भी कुछ सालों में इतिहास बन सकता है। वेनिस सदियों से डूब रहा है लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण यह दर तेज हो गई है। शहर रिकॉर्ड लेवल पर बाढ़ का दंश झेल रहा। वेनिस के पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर और सकरी नहरें बढ़ते जल की मात्रा को संभालने के लिए डिज़ाइन नहीं की गई हैं जिसके कारण ऐतिहासिक इमारतों और सार्वजनिक स्थानों पर नियमित रूप से बाढ़ आती है। माना जा रहा है कि अगले कुछ सालों में विनाशकारी बाढ़ की वजह से यह खूबसूरत शहर अपना अस्तित्व खो देगा। हालांकि, इस शहर को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
बैंकॉक (Bangkok)
थाईलैंड का विश्व प्रसिद्ध शहर बैंकॉक भी ग्राउंड वाटर अत्यधिक निकाले जाने और नरम मिट्टी के कारण डूब रहा है। शहर की औसत ऊंचाई समुद्र स्तर से केवल 1.5 मीटर ऊपर है। यह बाढ़ के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। थाईलैंड में मानसून के मौसम और बढ़ती बारिश की तीव्रता बढ़ रही है जिससे बैंकॉक में बार-बार और गंभीर बाढ़ आ रही है। आईपीसीसी के अनुसार, 2030 तक बैंकॉक के बड़े हिस्से जलमग्न हो सकते हैं।
लागोस (Lagos)
नाइजीरिया का लागोस लोअर सी-लेवल वाला शहर है। यह शहर अत्यधिक कटाव और बढ़ते समुद्रस्तर से जूझ रहा है। शहरीकरण की आड़ में तेजी से हो रहे अनियंत्रित निर्माण ने शहर की की बाढ़ की संवेदनशीलता को बढ़ा दिया है। यह शहर जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से भारी बारिश और तूफानी लहरों को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं है। अगले कुछ सालों में लागोस का अधिकतर हिस्सा जलमग्न हो सकता है। इसका असर लाखों लोगों पर पड़ेगा और वह दूसरे शहर में पलायन को मजबूर होंगे।
ढाका (Dhaka)
आंदोलनों और तख्तापलट की वजह से सुर्खियों में आए बांग्लादेशी शहर ढाका के अस्तित्व पर भी संकट है। ढाका कई प्रमुख नदियों के डेल्टा पर स्थित है जिससे यह नदी के अत्यधिक प्रवाह और समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ का खतरा झेलता है। शहर अक्सर गंभीर मानसून बारिश और चक्रवातों का सामना करता है। यह शहर भी 2030 तक गंभीर बाढ़ का सामना कर सकता है जिससे इसके अस्तित्व का खतरा है।
न्यू ऑरलियन्स (New Orleans)
अमेरिका का एक और शहर न्यू ऑरलियन्स भी अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहा है। न्यू ऑरलियन्स का अधिकांश हिस्सा समुद्र स्तर से नीचे है जो एक लेवी और पंप सिस्टम द्वारा संरक्षित है। यह तूफानों के प्रति संवेदनशील है जो और गंभीर हो रहे हैं। 2030 तक न्यू ऑरलियन्स को मामूली तूफानों से भी भयानक बाढ़ झेलना पड़ सकता है।
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