मोबाइल ले रही हर साल 15 हजार से अधिक जान: टेररिस्टों से अधिक जानलेवा हैं सड़कें
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साल-दर-साल रोड एक्सीडेंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल 2 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट्स की वृद्धि हो रही है तो डेढ़ प्रतिशत की दर से मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। 2023 में भारत में साढ़े चार लाख से अधिक रोड एक्सीडेंट्स हुई थी इसमें डेढ़ लाख से अधिक जानें गई जबकि तीन लाख से अधिक लोग घायल हुए थे। भारत में 6.2 मिलियन किलोमीटर का लंबा रोड नेटवर्क है। लेकिन रोड सेफ्टी के प्रावधान नहीं होने की वजह से यह सड़कें डेथ लेन साबित हो रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, हर साल मोबाइल उपयोग करते समय ड्राइविंग करने से 15 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। यह रोड एक्सीडेंट्स से मौतों की संख्या का करीब 10 प्रतिशत है। वहीं, रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या में 15 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो शराब पीकर गाड़ी चला रहे होते। लगभग 60% दुर्घटनाओं में मौतों के लिए जिम्मेदार ओवरस्पीडिंग है।
खराब सड़कें भी ले रहीं जान
रोड सेफ्टी रिपोर्ट के अनुसार, देश में रोड एक्सीडेंट्स से होने वाली मौतों में 8 प्रतिशत मौतों की वजह खराब सड़कें हैं। सड़कों पर गड्ढे, रोड साइन्स का अभाव, खराब रोशनी वाली सड़कें भी भयानक एक्सीडेंट का कारण बन रहीं। कमर्शियल वाहनों में मैकेनिकल फेल्योर दुर्घटनाओं के लगभग 5% के लिए जिम्मेदार है।
मरने वालों में सबसे अधिक दुपहिया वाहन सवार
भारत में होने वाली रोड एक्सीडेंट्स में सबसे अधिक शिकार दो पहिया वाहन चालक होते हैं। मौतों या घायल होने वाले लोगों में 40 प्रतिशत लोग दोपहिया वाहन वाले होते हैं। जबकि 25 प्रतिशत एक्सीडेंट के शिकार कार सवार होते हैं और अमूमन सीट बेल्ट नहीं बाधें रहते। ट्रक और बसें लगभग 20% सड़क दुर्घटनाओं में शामिल हैं और इन वाहनों से होने वाले एक्सीडेंट में डेथ रेट सबसे हाई होती है।
15 प्रतिशत पैदल यात्री बेवजह मारे जाते
रोड पर पैदल चलने वाले और साइकिल सवार, रोड एक्सीडेंट में बेवजह मारे जाते हैं। रोड एक्सीडेंट में 15 प्रतिशत मौत का शिकार पैदल यात्री और साइकिल सवार होते हैं।
पूर्वोत्तर की सड़कें सबसे सेफ
रोड सेफ्टी रिपोर्ट की मानें तो पूर्वोत्तर की सड़कें अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक सेफ हैं। यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक की सड़कों पर सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट होते हैं जबकि पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में रोड एक्सीडेंट रेट काफी कम है।
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