ऐसा कौन-सा अमृत भरा है इस मछली में कि सिक्योरिटी देनी पड़ती है, चंदा करके खाने की होती है जुगाड़?

 ये वो फिश है, जिससे बांग्लादेश की इकोनॉमी भी चलती है। नवरात्रि(Navratri 2022) में हिलसा की पश्चिम बंगाल में जबर्दस्त डिमांड बढ़ जाती है। लाजिमी है कि इसकी तस्करी रोकने भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के बॉर्डर फोर्स हाईअलर्ट पर रहती हैं।

कोलकाता. भारत और बांग्लादेश के बीच इस मछली की वजह से भी संबंध मधुर बने हुए हैं। ये है हिलसा या इलिश(Hilsha or ilish Fish) फिश। यह बांग्लादेश की नेशनल फिश है। यानी सबसे स्वादिष्ट और सबसे महंगी। ये वो फिश है, जिससे बांग्लादेश की इकोनॉमी भी चलती है। नवरात्रि(Navratri 2022) में हिलसा की पश्चिम बंगाल में जबर्दस्त डिमांड बढ़ जाती है। लाजिमी है कि इसकी तस्करी रोकने भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के बॉर्डर फोर्स हाईअलर्ट पर रहती हैं। ऐसी तस्वीरें अकसर सामने आती रहती हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़े मजेदार फैक्ट्स और ताजा मामला...

दुर्गा पूजा से पहले मिड-डे मील मेन्यू में हिल्सा फिश को शामिल करने टीचरों ने किया दान
यह दिलचस्प कहानी पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदकुमार थाने के मनसंतोष पार्ट बेसिक स्कूल की है। यहां 7 टीचरों ने ने मिड-डे मील में हिलसा मछली उपलब्ध कराकर छात्रों को चौंका दिया। इसके लिए टीचरों ने अपने वेतन से पैसे का योगदान दिया है। दुर्गा पूजा से पहले मिड-डे मील में छात्रों को खिलाने के लिए 15 किलो हिलसा मछली खरीदी।

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करीब 185 छात्रों को हिलसा मछली परोसी गई। मिड डे मील में छात्रों को हिलसा फिश करी के साथ कद्दू की सब्जी और चटनी भी दी गई। यह मछली बांग्लादेश के साथ ही बंगाल की सबसे महंगी मछलियों में से एक मानी जाती है। पिछले दो वर्षों से यह बाजार में पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है। इसलिए हिल्सा मछली की कीमत कोरोना महामारी के बाद आसमान छू रही है। मिडिल क्लास फैमिली के लिए तो जैसे हिलसा खरीदना आसान नहीं रहा।

मनसंतोष पार्ट बेसिक स्कूल के असिस्टेंट टीचर सुशांत कुमार बेरा ने बताया कि स्कूल के हेडमिस्ट्रेस ने अन्य टीचरों के साथ मिड-डे मील में छात्रों को हिलसा मछली खिलाने की व्यवस्था की। बेरा ने कहा- “हम ज्यादातर दिन स्कूल में बिताते हैं। इसलिए हमने सोचा कि अगर हम एक दिन के लिए मिड-डे मीन मेनू में बदलाव करके बच्चों को खुश कर सकते हैं, तो हमने पूजा से पहले उन्हें हिलसा मछली खिलाने की व्यवस्था की।" 2015 में इस स्कूल को निर्मल विद्यालय पुरस्कार मिला था। स्कूल में किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 4 तक के छात्र हैं। स्कूल में कंप्यूटर की क्लास भी चलती हैं।

10 डॉलर तक होती है प्रतिकिलो हिलसा
बांग्लादेश में पद्मा नदी में रहने वाली हिलसा भारत के पश्चिम बंगाल के बंगालियों को बहुत पसंद है। हालांकि बांग्लादेश सरकार अपने देश की जरूरतों को देखते हुए समय-समय पर इसका निर्यात बंद कर देती है। 2012 में बांग्लादेश से भारत में हिलसा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, बांग्लादेश ने विभिन्न अवसरों पर भारत को हिलसा मछली भेंट की है। पिछले साल भी दुर्गा पूजा पर मछली का निर्यात किया था। बेनापोल के C&F एजेंट युथी एंटरप्राइज( Yuthi Enterprise) के मैनेजन मिजानुर रहमान ने कहा कि इस बार प्रति किलो हिलसा का निर्यात मूल्य $10 है, जो कि Tk947.39(बांग्लादेशी करेंसी) के बराबर है। 

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