ऐतिहासिक कादरी मंदिर पर अटैक करने की तैयारी में था शारिक, 'इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल' का नाम आया सामने

कर्नाटक के मेंगलुरू में हुए ऑटोरिक्शा बम ब्लास्ट केस में एक चौंकाने वाला डेवलपमेंट हुआ है। इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल नाम के एक ग्रुप ने ली है। उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उसकी योजना कादरी मंदिर पर हमला करने की थी।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 24, 2022 6:51 AM IST / Updated: Nov 24 2022, 12:37 PM IST

मेंगलुरु(Mangaluru). कर्नाटक के मेंगलुरू में हुए ऑटोरिक्शा बम ब्लास्ट केस( Mangaluru Auto Rickshaw Bomb Blast) में एक चौंकाने वाला डेवलपमेंट हुआ है। इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल(Islamic resistance council) नाम के एक ग्रुप ने ली है। उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उसकी योजना कादरी मंदिर पर हमला करने की थी। कादरी मंजूनाथ मंदिर कर्नाटक राज्य में मंगलौर में एक ऐतिहासिक मंदिर है। पढ़िए बाकी की डिटेल्स...


 इस पोस्ट की पुलिस जांच कर रही है। बता दें कि कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद ने बुधवार को इस मामले को जांच जल्द औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने की बात कही थी।वहीं, राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने सूद के साथ शहर के बाहरी इलाके में विस्फोट स्थल का दौरा किया और उस अस्पताल भी गए थे, जहां विस्फोट में घायल ऑटो ड्राइवर पुरुषोत्तम पुजारी का इलाज चल रहा है। इस ब्लास्ट में संदिग्ध हमलावर मोहम्मद शारिक उफ शरीक भी घायल हो गया था।


हम, इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल (IRC) यह संदेश देना चाहते हैं: हमारे एक मुजाहिद भाई मोहम्मद शरीक ने कादरी में हिंदुत्व मंदिर पर हमला करने का प्रयास किया, जो भारत में भगवा आतंकवादियों का गढ़ है। हालांकि यह ऑपरेशन इसके उद्देश्यों को पूरा नहीं करता था, फिर भी हम इसे एक ट्रेडक्राफ्ट(खुफिया और जासूसी जैसी गुप्त गतिविधियों में शामिल संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कौशल और तरीके) और रणनीति के दृष्टिकोण से एक सफलता मानते हैं, क्योंकि 'भाई(शरीक)'  वांटेड होने और राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा पीछा किए जाने के बावजूद न केवल सफलतापूर्वक बचने में सक्षम था, उसने बम तैयार भी किया और हमला भी किया।  भाई की गिरफ्तारी पर खुशी मनाने वालों के लिए विशेष रूप से एडीजीपी आलोक कुमार की तरह हम कहते हैं "आपका आनंद अल्पकालिक होगा और आपको अपने उत्पीड़न का फल जल्द ही मिलेगा।"

हम उन लोगों को जवाब देना चाहेंगे जो पूछते हैं कि "आपने हमला क्यों किया?" ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें फासीवादियों द्वारा इस युद्ध और प्रतिरोध के रास्ते पर धकेल दिया गया है और हम केवल राज्य आतंकवाद के सबसे खराब रूपों का जवाब दे रहे हैं। हम केवल इसलिए प्रतिकार कर रहे हैं, क्योंकि हम पर एक खुला युद्ध घोषित किया गया है, क्योंकि मॉब लिंचिंग एक आदर्श बन गया है, क्योंकि दमनकारी कानून और कानून हमें दबाने और हमारे धर्म में हस्तक्षेप करने के लिए पारित किए जाते हैं, क्योंकि हमारे निर्दोष जेलों में सड़ रहे हैं।

अंत में हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम जो भी बयान और घोषणाएं जारी करेंगे, वे ऑपरेशन के बाद ही जारी होंगी और हम अपने नाम पर जारी किए गए किसी अन्य बयान या संदेश से खुद को दूर करते हैं।

ISIS हैंडलर्स के संपर्क में था शारिक
पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस ब्लास्ट का मुख्य आरोपी मोहम्मद शारिक इस्लामिक स्टेट (ISIS) हैंडलर्स के संपर्क में था। पुलिस पहले से ही इस घटना को आतंकी साजिश मानकर जांच कर रही थी। पुलिस को आरोपी शारिक के घर से कई संदिग्ध सामान मिले हैं। इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे एडीजीपी (ADGP) आलोक कुमार ने बताया कि 19 नवंबर की रात करीब 7:40 बजे मेंगलुरु शहर के बाहर चलते ऑटो में एक कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ था। इसमें यात्री बनकर सफर कर रहा शारिक और ऑटो ड्राइवर पुरुषोत्तम पुजारी घायल हो गए थे। 24 वर्षीय मोहम्मद शारिक इस विस्फोट में झुलस गया था। फिलहाल शहर के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। ADGP( लॉ एंड ऑर्डर) आलोक कुमार ने कहा-"हमारी प्राथमिकता यह देखना है कि वह जीवित रहे, ताकि पूछताछ अपने अंजाम तक पहुंच सके।

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