तकनीकी खराबी के चलते दूसरे प्रयास में लॉन्च हुआ गगनयान TV-D1, 10 बजे इसरो ने दी गुड न्यूज

इसरो का गगनयान TV-D1 टेस्ट फ्लाइट शनिवार सुबह 10 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ। पहले प्रयास में यह सुबह 8:45 बजे लॉन्च नहीं हो पाया था। तकनीकी खराबी आने के चलते रॉकेट का इंजन स्टार्ट नहीं हो सका था।

Vivek Kumar | Published : Oct 21, 2023 4:02 AM IST / Updated: Oct 21 2023, 11:31 AM IST

श्रीहरिकोटा। इसरो ने अपने गगनयान TV-D1 टेस्ट फ्लाइट को शनिवार सुबह 10 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। पहला प्रयास सुबह 8:45 बजे किया गया था। तकनीकी खराबी आने की वजह से पहले प्रयास में TV-D1 लॉन्च नहीं हो पाया था।

इस संबंध में इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा, “गगनयान मिशन की TV-D1 लॉन्चिंग आज नहीं हो पाई। शुरू में लॉन्च सुबह 8:00 बजे के लिए शेड्यूल था। मौसम की स्थिति के चलते इसे सुबह 8:45 तक बढ़ाया गया। लॉन्चिंग के लिए ऑटोमैटिक लॉन्च सीक्वेंस सामान्य तरीके से शुरू हुआ था। इंजन को लॉन्चिंग के लिए कमांड दिया गया था, लेकिन इंजन स्टार्ट नहीं हो पाया।”

सोमनाथ ने कहा, "हमें पता लगाना है कि क्या परेशानी आई। व्हीकल (रॉकेट) सुरक्षित है। हम व्हीकल के पास जाएंगे और देखेंगे कि क्या हुआ है। यह पता करने के बाद कि किस वजह से ऑटोमैटिक लॉन्च सीक्वेंस होल्ड हुआ, हम जल्द आपके पास आएंगे। जांच के बाद हम जल्द ही नया लॉन्च शेड्यूल जारी करेंगे।"

10-0 की उल्टी गिनती के दौरान आया होल्ड
TV-D1 लॉन्च करने के लिए 10-0 तक की उल्टी गिनती शुरू हुई थी। यह पांच तक पहुंची तभी होल्ड आ गया था। इस दौरान रॉकेट से धुंआ निकलता दिखा। इसरो ने शनिवार सुबह 10 बजे TV-D1 को लॉन्च किया। 

अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा भारत

भारत अपने मिशन गगनयान द्वारा अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा। गगनयान मिशन के लिए टेस्ट फ्लाइट आज किया जाएगा। इस दौरान क्रू एस्केप सिस्टम को परखा जाएगा। 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग होगा। वहीं, क्रू एस्केप सिस्टम का मुख्य पैराशूट 2.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर खुलेगा।

गगनयान के लिए बनाए गए क्रू मॉड्यूल को AR6 विकास इंजन वाले सिंगल स्टेज रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। यह 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा तब क्रू मॉड्यूल अलग होगा। क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के साथ 10 पैराशूट लगाए गए हैं। रॉकेट से अलग होने के बाद पैराशूट काम करना शुरू करेंगे। बंगाल की खाड़ी में उतरते वक्त क्रू एस्केप सिस्टम अपने पैराशूट का इस्तेमाल करेगा।

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