इसरो जासूसी मामले (Isro spy case) में सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों की अग्रिम जमानत रद्द कर दिया। कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट से कहा है कि इस मामले में फिर से सुनवाई की जाए।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसरो जासूसी मामले (Isro spy case) में अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन से जुड़े साजिश मामले में चार आरोपियों की अग्रिम जमानत रद्द कर दिया। जस्टिस एम आर शाह और सी टी रविकुमार की पीठ ने मामले में सुनवाई की। पीठ ने केरल हाईकोर्ट को कहा कि वह अग्रिम जमानत याचिकाओं पर फिर से सुनवाई करे। कोर्ट ने आरोपियों को पांच सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा दी है ताकि वे जमानत के लिए हाईकोर्ट जा सकें।
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पारित अग्रिम जमानत देने के आदेश को रद्द कर दिया जाता है। सभी मामलों को हाईकोर्ट को वापस भेज दिया जाता है ताकि वह अपनी योग्यता के आधार पर नए सिरे से फैसला कर सके। आखिरकार हाईकोर्ट को आदेश पारित करना है। हम हाईकोर्ट से अनुरोध करते हैं कि इस आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर फैसला किया जाए।
क्या है मामला?
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को 1994 में एक झूठे जासूसी मामले में फंसाया गया था। उन पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के गोपनीय दस्तावेजों को विदेशों में ट्रांसफर करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में नारायणन के अलावा इसरो के एक अन्य वैज्ञानिक और मालदीव की दो महिलाओं को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने नंबी नारायणन को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। उन्हें करीब दो महीने जेल में रहना पड़ा था।
यह भी पढ़ें- केरल का 'लातवियाई महिला रेप-मर्डर-2018' फिर सुर्खियों में, पुलिस पर लगे इल्जाम, अब मिलेगी क्रिमिनल्स को सजा
पहले इस मामले की जांच केरल पुलिस ने की थी। इसके बाद जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई थी। जांच के बाद सीबीआई के अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि नारायणन पर लगे आरोप झूठे थे। नारायणन को झूठे केस में फंसाने के मामले में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज, गुजरात के पूर्व एडीजीपी आरबी श्रीकुमार और केरल पुलिस के अधिकारी एस विजयन, थम्पी एस दुर्गा दत्त तथा एक रिटायर खुफिया अधिकारी पीएस जयप्रकाश आरोपी हैं।
यह भी पढ़ें- छोटे बालों से अचानक बढ़ाने लगा दाढ़ी, निकाह के सवाल पर कहता-'जन्नत में 72 हूरें उसका इंतजार कर रही हैं मौसी!'