करगिल के इस गांव में घुसने से पहले हाथ धोना जरूरी, गांव के बाहर ही रखा सैनिटाइजर और पानी की टंकी

करगिल के लत्तू गांव में कोरोना को लेकर खासी जागरुकता देखने को मिल रही है। यहां गांव के लोगों ने गांव के बाहर ही पानी की टंकी और सैनिटाइजर रख दिया है। 8700 फीट की उंचाई पर बसे इस गांव में लोगों ने स्वच्छता की मुहिम चला दी है और कोरोना को अपने गांव से दूर रखने का फैसला कर लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2020 6:49 AM IST

करगिल. देश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिनको देखते हुए सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया है, पर इसके बावजूद लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और इस महामारी हल्के में ले रहे हैं। इस बीच करगिल के लत्तू गांव में कोरोना को लेकर खासी जागरुकता देखने को मिल रही है। यहां गांव के लोगों ने गांव के बाहर ही पानी की टंकी और सैनिटाइजर रख दिया है। 8700 फीट की उंचाई पर बसे इस गांव में लोगों ने स्वच्छता की मुहिम चला दी है और कोरोना को अपने गांव से दूर रखने का फैसला कर लिया है। गांव के बाहर जो पानी की टंकी लगाई गई है। उसमें साफ शब्दों में लिखा है, पहले हाथ धोएं और फिर गांव के अंदर घुसें। किसी भी सख्स को बिना हाथ धोए गांव के अंदर जाने की इजाजत नहीं है। चाहे वो गांव का रहने वाला कोई आदमी हो या बाहर से आने वाला मेहमान हो। इस गांव में घुसने से पहले सभी को हाथ धोना जरूरी है। 

करगिल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी 
अच्छी खासी उंचाई पर बसे इस गांव के बाहरी इलाकों में बर्फबारी होती रहती है और कई बार तो रात में तापमान 5 डिग्री से भी कम हो जाता है। ऊंचाई के कारण इस गांव का संपर्क शहरी क्षेत्रों से काफी कम है और यहां स्वास्थ्य की वयवस्थाएं भी उतनी पुख्ता नहीं है। खासकर कोरोना वायरस के मामले में बड़े से बड़े शहरों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं फेल हो चुकी हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर गांव वालों की यह जागरुकता काफी अहम है और इन लोगों को इस महामारी से दूर रखने में काफी मदद करेगी। 

करगिल में 2 मरीज, 140 से ज्यादा क्वारेंटाइन 
करगिल में कोरोना के 2 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 140 से ज्यादा लोगों में बीमारी के संक्रमण की आशंका है। इन सभी लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। लत्तू गांव में एक कमेटी बनाई गई हौ, जो कोरोना से निपटने के प्रयास कर रही है। इसी कमेटी ने गांव के बाहर पानी की टंकी, साबुन और सैनिटाइजर रखा है। बाकी गांव भी लत्तू गांव से प्रेरणा ले रहे हैं। जिले के उपायुक्त बशीर उल हक ने भी इस गांव की चर्चा ट्विटर पर की है। जहां इस पहल की जमकर सराहना हो रही है। 

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