कैश फॉर क्वेश्चन पर राजीव चंद्रशेखर बोले-अगर सांसद ने डेटा सेंटर कंपनी के इशारे पर प्रश्न पूछे हैं तो यह बेहद शर्मनाक

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे न्यूज रिपोर्ट्स से पता चला कि यह संसदीय प्रश्न संभवत: एक डेटा सेंटर कंपनी के इशारे पर सांसद द्वारा पूछा गया था। यदि यह सच है तो यह वास्तव में चौंकाने वाला और शर्मनाक है।

Rajeev Chandrasekhar on Mahua Moitra case: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े कथित कैश फॉर क्वेश्चन विवाद पर निशाना साधा है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे न्यूज रिपोर्ट्स से पता चला कि यह संसदीय प्रश्न संभवत: एक डेटा सेंटर कंपनी के इशारे पर सांसद द्वारा पूछा गया था। यदि यह सच है तो यह वास्तव में चौंकाने वाला और शर्मनाक है।

क्या कहा राजीव चंद्रशेखर ने?

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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह सच है कि यह कंपनी डेटा लोकलाइजेशन के लिए सक्रिय है और बहुत तेज लॉबिंग कर रही है। सांसद द्वारा संसद में पूछे गए सवाल की भाषा और संबंधित कंपनी के हेड द्वारा मुझसे मुलाकात के दौरान बातचीत की भाषा एक समान थी। मुझे पूरे प्रकरण की जानकारी नहीं है लेकिन पूरे तथ्यों की जानकारी है। अगर सवाल के बदले रिश्वत की बात सच है तो यह खतरनाक है और संसदीय प्रश्न का दुरुपयोग है।

दरअसल, हीरानंदानी ग्रुप डेटा लोकलाइजेशन का लाभ लेने की कोशिश करने वाला पहला ग्रुप है। डेटा लोकलाइजेशन, सरकार की प्रमुख आत्मनिर्भर भारत योजना का एक अनिवार्य हिस्सा है। लेकिन इस क्षेत्र में किसी भी एकाधिकार को रोकने के लिए बहुत ध्यान रखा जा रहा है। उधर, हीरानंदानी समूह ने आईटी मंत्रालय से अनुबंधों को लेकर चिंता जताई है।

निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर लगाया आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा पर सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए लोकसभा स्पीकर से तत्काल निलंबन की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने अडानी ग्रुप और पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए दर्शन हीरानंदानी से संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा पर संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन, सदन की अवमानना और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया है।

महुआ मोइत्रा बोलीं-किसी भी जांच का स्वागत

महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह किसी भी तरह की जांच का स्वागत करती हैं। उन्होंने आईटी मंत्री के आरोपों का भी जोरदार खंडन किया। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया: सर, मैं डेटा प्रोटेक्शन पर आईटी कम्युनिकेशन और जेपीसी की सदस्य हूं। यह सभी भारतीयों के लिए वैध प्रश्न है। यदि शत्रु राष्ट्र ऐप्स से डेटा चुरा सकते हैं तो क्या वे विदेशों में स्टोर किए गए भारतीय यूजर्स के डेटा नहीं चुरा सकते? आरोप लगाकर मेरी बुद्धिमत्ता का अपमान न करें।

क्या सवाल पूछा था मोइत्रा ने?

संसद में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सवाल पूछा कि क्या सरकार ने वास्तव में 54 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है? और यदि हां, तो उनका विवरण क्या है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या भारतीय नागरिकों के ऐप और डेटा उनके विवरण के साथ अन्य देशों से भी लीक हो सकते हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब डेटा संरक्षण अधिनियम विचाराधीन है तो क्या सभी संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के लिए डेटा लोकलाइजेशन आवश्यकताओं की आवश्यकता होगी।

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