जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल बढ़ी, परिसीमन आयोग 4 दिन के दौरे पर-सिक्योरिटी सख्त

जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सीटों के नये सिरे से मूल्यांकन के लिए परिसीमन आयोग आज से 9 जुलाई तक राज्य के दौरे पर है। इस दौरान वो सभी प्रमुख राजनीति पार्टियों और अन्य प्रबुद्ध लोगों से मिलेगा।

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2021 4:21 AM IST / Updated: Jul 06 2021, 11:43 AM IST

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए नये सिरे से विधानसभा क्षेत्रों की सीमा तय करने परिसीमन आयोग 6 से 9 जुलाई तक राज्य के दौरे पर रहेगा। इसे देखते हुए राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इस दौरान आयोग के सदस्य सभी प्रमुख राजनीति पार्टियों और अन्य प्रबुद्ध लोगों से मिलेंगे।

आज 9 प्रमुख राजनीति दलों से मुलकात
जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ आज श्रीनगर में राज्य के 9 प्रमुख राजनीति दलों के प्रतिनिधियों की मुलाकात होगी।  इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, अपनी पार्टी, माकपा, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, जेकेएएनसी, एनटीपी और भाजपा शामिल हैं। इसमें पीडीएफ शामिल नहीं हो रहा। इस दौरान आयोग श्रीनगर, पहलगाम, किश्तवाड़ और जम्मू के राजनीतिक प्रतिनिधियों से मिलकर उनसे राय-मश्वरा करेगा।

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कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
परिसीमन आयोग के दौरे को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आयोग इस दौरान करीब 200 से अधिक प्रतिनिधियों से उनका फीडबैक लेगा। दौरा समाप्त होने के बाद परिसीमन आयोग की टीम मीडिया से चर्चा कर सकती है।

यह है परिसीमन आयोग का कार्यक्रम
6 जुलाई-
 श्रीनगर, पहलगाम, किश्तवाड़ और जम्मू के राजनीतिक प्रतिनिधियों से मिलकर उनसे राय-मश्वरा करेगा।

7 जुलाई-पहलगाम में दक्षिणी कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम व पुलवामा के बाद श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, बांदीपोरा, बारामुला व कुपवाड़ा के डीसी से मिलेगा।

8 जुलाई-किश्तवाड़, डोडा, रामबन के डीसी से मिलने के बाद जम्मू में राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मिलेगा।

9 जुलाई-जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, रियासी, राजोरी और पुंछ के उपायुक्तों के साथ वर्चुअल मीटिंग होगी।

आखिरी परिसीमन 1995 में हुआ था
जम्मू-कश्मीर में आखिरी परिसीमन 1995 में हुआ था। बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया है। लद्दाख के अलग होने से जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 107 विधानसभा सीटें रह गई हैं। इनमें 24 पाक अधिकृत कश्मीर में आती हैं। जबकि 46 कश्मीर और 37 जम्मू में आती हैं।

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