टी-20 विश्व कप में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर जम्मू-कश्मीर के दो मेडिकल स्टूडेंट्स पर UAPA केस

भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत के बाद घाटी में कई जगहों पर कथित जश्न की बात सामने आई थी। बताया जा रहा कि पाकिस्तान की जीत पर कई जगहों पर पटाखे तक छोड़े गए थे। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2021 12:15 PM IST

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पुलिस ने टी-20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट (T20 World Cup 2021) के दौरान पाकिस्तान की भारत (India Vs Pakistan) पर जीत का जश्न मनाने के आरोप में दो मेडिकल स्टूडेंट्स (medical students) पर कार्रवाई की है। दोनों मेडिकल स्टूडेंट्स पर यूएपीए (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि पाकिस्तान की जीत पर ये लोग जश्न मना रहे थे। दोनों स्टूडेंट कर्ण नगर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज और शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान श्रीनगर (SKIMS) सौरा के हॉस्टल में रहते हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कर्ण नगर और सौरा पुलिस स्टेशन्स में यूएपीए के दो केस दर्ज किए गए हैं। 

बता दें कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत के बाद घाटी में कई जगहों पर कथित जश्न की बात सामने आई थी। बताया जा रहा कि पाकिस्तान की जीत पर कई जगहों पर पटाखे तक छोड़े गए थे। 

जम्मू-कश्मीर छात्रसंघ ने किया केस रद्द करने का अनुरोध

जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने राज्य के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की है कि यूएपीए के तहत दर्ज छात्रों पर केस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। छात्र संघ ने कहा कि मानवीय आधार पर इस तरह के केस नहीं दर्ज होने चाहिए। 
     
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुएहामी ने कहा कि छात्रों के खिलाफ यूएपीए का केस एक कड़ी सजा है। इससे उनका भविष्य बर्बाद हो जाएगा। उन पर ऐसा केस थोपने से अलगाव की भावना पैदा होगी। उन्होंने कहा, ''हम उनके कृत्य को उचित नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन इससे उनका करियर समाप्त हो जाएगा। इन आरोपों का छात्रों के शैक्षणिक जीवन एवं भावी करियर पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।''

पीडीपी ने बताया प्रतिशोधात्मक कार्रवाई

पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर कश्मीरी युवाओं के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का आरोप लगाया है। एक क्रिकेट मैच में छात्रों ने ऐसा करके गलती तो की है लेकिन उन पर ऐसा कठोर कार्रवाई करने के पहले उनके भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र को केस दर्ज करने की बजाय यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए थी कि शिक्षित युवा पाकिस्तान के साथ अपनी पहचान क्यों जोड़ते हैं?

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