भारत में रोज बच्चों के खिलाफ 409 अपराध, सेक्युअल क्राइम्स भी बढ़े, NCRB की रिपोर्ट का सनसनीखेज खुलासा

झारखंड के दुमका में 17 वर्षीय अंकिता को पेट्रोल डालकर जला देने का मामले ने बच्चों पर बढ़ती हिंसा को लेकर अलर्ट किया है। यह सिर्फ एक उदाहरण है। NCRB की रिपोर्ट के एनालिसिस के बाद एक एनजीओ ने बताया कि हर दिन बच्चों के खिलाफ 409 केस दर्ज हो रहे हैं। 

Amitabh Budholiya | Published : Sep 1, 2022 5:49 AM IST / Updated: Sep 01 2022, 11:20 AM IST

नई दिल्ली.झारखंड के दुमका में 17 वर्षीय अंकिता को पेट्रोल डालकर मार डालने के आरोपी पर पोक्सो एक्ट लगाया गया है। इस मामले ने बच्चों पर बढ़ती हिंसा को लेकर अलर्ट किया है। यह सिर्फ एक उदाहरण है। NCRB की रिपोर्ट के एनालिसिस के बाद एक एनजीओ ने बताया कि हर दिन बच्चों के खिलाफ 409 केस दर्ज हो रहे हैं। इनमें यौन हिंसा या अपराध के मामले भी शामिल हैं।

एक NGO के एनालिसिस ने चौंकाया
NGO चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY) ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हाल में जारी हुई रिपोर्ट-2021 का एक त्वरित विश्लेषण( quick analysis ) किया है। इसके हिसाब से भारत में हर घंटे बच्चों के खिलाफ 17 अपराध दर्ज किए गए हैं। यानी वर्ष, 2021 के दौरान 1,49,404 केस रजिस्टर्ड हुए। मतलब देश में हर दिन बच्चों के खिलाफ 409 अपराध हो रहे हैं।

एक साल में बच्चों के खिलाफ क्राइम्स में 16.2 प्रतिशत की वृद्धि 
CRY के एनालिसिस के अनुसार, 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या में पिछले वर्ष (2020) की तुलना में चिंताजनक रूप से 16.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष, 2020 में ऐसे 1,28,531 मामले दर्ज किए गए थे। इस एनालिसिस से यह भी पता चलता है कि वर्ष 2011 (33,098 मामले) और 2021 (1,49,404 मामले) के बीच एक दशक में बच्चों के खिलाफ अपराधों में 351 प्रतिशत की खतरनाक रूप से बड़ी वृद्धि हुई। 2011 में भारत की जनसंख्या 121 करोड़ थी, जबकि 2021 के मध्य तक यही आंकड़ा 136.7 करोड़ था। यह आंकड़ा NCRB के हिसाब से है।

यौन अपराध(Sexual offences) बढ़ रहे 
NCRB-2021 के आंकड़ों के एनालिसिस से खुलासा होता है कि बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों के खिलाफ यौन अपराध(Sexual offences) लगातार बढ़ रहे हैं। बच्चों के खिलाफ हर तीन अपराधों में से एक (53,874 मामले या 36.1 प्रतिशत) पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज होना इसकी बानगी है। 
क्राई के अनुसार, बच्चों के खिलाफ अपराधों के राज्यवार फैक्ट से पता चलता है कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारत में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में से करीब आधे (47.4 फीसदी) हैं।  इनमें सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में 19,173 (12.8 फीसदी) दर्ज किए गए।

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