सार

झारखंड में जारी राजनीतिक हलचल के बीच नेशनल क्राइम रिकार्ड के अनुसार जारी रिपोर्ट में भी प्रदेश में पिछले साल यानि 2021 में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा वाला रहा। लेकिन इसमें राहत की बात यह भी है कि ऐसे केसों में 80 प्रतिशत आरोपी अरेस्ट भी हुए है।

रांची (झारखंड). झारखंड में राजनीतिक हलचल के बीच एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ) ने साल 2021 का का रिपोर्ट जारी किया है। इसके हिसाब से झारखंड में बीते साल यानी वर्ष 2021 में देश भर में सबसे अधिक सांप्रदायिक हिंसा हुए हैं। 2021 के जारी रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में कुल 378 सांप्रदायिक हिंसा हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 100 सांप्रदायिक हिंसा अकेले झारखंड राज्य में हुए हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि साम्प्रदायिक हिसों में शामिल 80 प्रतिशत आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। झारखंड में सियासी बवाल के बीच एनसीआबी का यह रिपोर्ट एक बार फिर विपक्ष में बैठी बीजेपी के लिए एक मौका है। बीजेपी इस आंकड़े के आधार पर सरकार को घेरने का काम कर सकती है। 

सबसे अधिक हिंसा महाराष्ट्र में, बिहार तीसरे नंबर पर 
अगर केवल हिंसा की बात करें तो महराष्ट्र टॉपर पर है। यहां कुल 77 सांप्रदायिक हिंसा के मामले दर्ज किए गए हैं। बिहार राज्य तीसरे स्थान पर है। जहां 51 मामले हुए। हरियाणा में 40 राजस्थान और मध्य प्रदेश में 22-22 मामले और असम में 17 सांप्रदायिक हिंसा के मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, सामान्य हिंसा के मामले में देश में 41 हजार 66 दंगे हुए. जिनमें झारखंड में 1426  मामले दर्ज किए गए। वहीं, एनसीआरबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार यूपी में सांप्रदायिक हिंसा के सिर्फ एक मामले दर्ज किए गए हैं।
 
2 हजार से अधिक लोगों की हुई गिरफ्तारी
झारखंड में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में 80 प्रतिशत आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार अब सिर्फ 20% आरोपी ही फरार हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में झारखंड में हिंसा के आरोप में दो हजार से ज्यादा लोगों को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया। 

उत्तर प्रदेश में हुए सिर्फ एक संप्रदायिक हिंसा
एनसीआरबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार यूपी करीब दंगामुक्त हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सांप्रदायिक हिंसा के मामले में यूपी में सिर्फ एक ही मामला दर्ज किया गया है। सामान्य हिंसा की बात करें तो पूरे देश में 41 हजार 66 दंगे हुए हैं, जिनमें 1426 हिंसा सिर्फ झारखंड में दर्ज किए गए हैं।

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