JNU हिंसाः देशभर में छात्रों का हाहाकार, जारी है प्रदर्शनों का दौर, सोनिया ने कहा, मोदी सरकार ने कराया हमला

छात्रों से हुई मारपीट के खिलाफ देश भर के कई शैक्षणिक संस्थानों में विरोध शुरू हो गया है। जिसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, मुंबई समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्र सड़क पर उतर गए हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


 

Asianet News Hindi | Published : Jan 6, 2020 2:37 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:33 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान जारी किया है. सोनिया गांधी ने कहा है कि आज देश में युवाओं और छात्रों की आवाज को दबाया और उनका मजाक बनाया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार के संरक्षण में देश के युवाओं की आवाज को दबाकर गुंडों द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। जेएनयू में हुई हिंसा पर सोनिया गांधी ने कहा कि कल जेएनयू में छात्रों-फैकल्टी पर हुआ हमला सरकार के द्वारा लोगों की असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए याद किया जाएगा।

छात्रों का जारी है विरोध प्रदर्शन 

चंडीगढ़ में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया(SFI), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन और अन्य संगठनों ने जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं कोलकाता में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अन्य छात्रों के संगठन मंच ने विरोध प्रदर्शन किया।वहीं कोलकाता में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कल हुई हिंसा के खिलाफ जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने हिंसा के खिलाफ नारे लगाए। मुंबई में जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर हो रहे प्रदर्शन को समर्थन देने अभिनेता सुशांत सिंह वहां पहुंचे हैं। यहां कई छात्र बीती रात से ही जेएनयू हिंसा के विरोध में प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं।

बेंगलुरू, हैदराबाद और बंगाल में विरोध प्रदर्शन

जेएनयू हिंसा के खिलाफ बेंगलुरू में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। 5 जनवरी को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में भड़की हिंसा के विरोध में बेंगलुरु के विभिन्न कॉलेजों के छात्र और शिक्षक शहर के टाउन हॉल में एकत्रित हुए और उनके खिलाफ प्रदर्शन किया।

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार की शाम जमकर हुआ बवाल अब सड़कों पर पहुंच गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वाम छात्र संगठनों के बीच मारपीट होने की बात कही जा रही है। जिसमें छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 18 छात्र घायल हो गए। वहीं, दो अध्यापक भी घायल हो गए हैं। वाम छात्र संगठन और एबीवीपी, दोनों ही एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी तरफ से पहली FIR दर्ज की है। वहीं, इस मामले की जांच की जिम्मेदारी ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह को सौंपी गई है। 

समर्थन में आए छात्र 

इस घटना को लेकर जहां राजनीतिक दलों के नेता छात्रों से मिलने पहुंचे। वहीं, छात्रों से हुई मारपीट के खिलाफ देश भर के कई शैक्षणिक संस्थानों में विरोध शुरू हो गया है। जिसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, मुंबई समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्र सड़क पर उतर गए हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 

जेएनयू में हिंसक घटना के खिलाफ आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। वहीं कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया और अध्यापकों ने भी जेएनयूएसयू के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। जबकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अध्यापक संघ ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

जादवपुर यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव पार्थ प्रतीम रॉय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि जेएनयू में हालात सामान्य करने और हिंसा रोकने के लिए केंद्र और दिल्ली की सरकार तत्काल कार्रवाई करे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर छात्रों और अध्यापकों से इस घटना की निंदा करने का आह्वान किया। 

क्या है जेएनयू की घटना

रविवार देर शाम जेएनयू परिसर में छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई। लेफ्ट के छात्र संगठनों ने एबीवीपी पर हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं एबीवीपी ने लेफ्ट संगठनों पर। इस घटना में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के भी सर में चोट आई है। विवाद बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थितियों को काबू में किया। सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। 

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