कारगिलः पाकिस्तानी विश्वासघात और भारत के विजय की कहानी, वार हीरो अखिलेश सक्सेना की जुबानी

आज पूरा देश ‘कारगिल विजय दिवस’ मना रहा है। यह उत्सव और सम्मान देश के उन हीरोज के नाम जिन्होंने भारत मां की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वाेच्च न्योछावर किया। 

नई दिल्ली। आज पूरा देश ‘कारगिल विजय दिवस’ मना रहा है। यह उत्सव और सम्मान देश के उन हीरोज के नाम जिन्होंने भारत मां की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वाेच्च न्योछावर किया। 

कारगिल एक पड़ोसी देश के विश्वासघात की कहानी है जिसे हमारे जवानों ने सर्वाेच्च बलिदान से नाकाम कर दिया था। यह वह दौर था जब जब हमारा मुल्क दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा था। फरवरी 1999, तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान में वापस लाहौर के लिए ऐतिहासिक बस सेवा शुरू करने की योजना बना रहे थे। और उधर, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ का सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ विश्वासघाती योजना पर काम चल रहा था।

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इस्लामाबाद की कपटपूर्ण चालें कारगिल की ऊंचाईयों पर दिखने लगी थी। हालांकि, जनरल मुशर्रफ ने कभी यह स्वीकार नहीं किया कि भारी हथियारों से लैस घुसपैठिए पाकिस्तानी सैनिक थे, लेकिन भारत के खिलाफ एक युद्ध का ऐलान हो चुका था। मई आते आते भारतीय जवानों ने ऑपरेशन विजय के लिए कमर कस ली। भारत ने पाकिस्तानी सेना से कारगिल सेक्टर में चौकियों को वापस लेना शुरू कर दिया। 

कारगिल के ऑपरेशन विजय में शामिल एक नाम है कैप्टन अखिलेश सक्सेना की। शादी के कुछ ही सप्ताह बाद उनकी तैनाती कारगिल में हो गई थी और अब ऑपरेशन विजय भी शुरू हो चुका था। 

एक महीना बेस अस्पताल में रहे भर्ती

कैप्टन अखिलेश सक्सेना कारगिल युद्ध के दौरान 2 राजपुताना राइफल्स से जुड़े एक तोपखाना अधिकारी थे। कैप्टन अखिलेश सक्सेना और उनके आदमियों ने टोलोलिंग, द हंप और थ्री पिम्पल्स हाइट्स पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया। युद्ध के दौरान, कैप्टन अखिलेश दुश्मन की गोलियों से घायल हो गए और लगभग एक साल तक दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में भर्ती रहे।

कारगिल युद्ध को याद करते हुए भावुक हो गए कैप्टन

कारगिल दिवस पर एशियानेट से बातचीत के दौरान उन दिनों को याद कर कैप्टन अखिलेश सक्सेना भावुक भी हो जाते हैं। उस समय की यादों को साझा करते हुए वह कहते हैं कि कारगिल एक अचानक घटी घटना थी। अब कभी भी हम उनको ऐसा मौका नहीं देने जा रहे कि वह इस तरह धोखेबाजी कर सकें। हमारे देश का सम्मान इसलिए बचा रह गया क्योंकि हमारे युवा साथियों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान किया। हमारे लोगों ने अपनी खून दी है इस देश की प्रेस्टिज को बनाए रखने के लिए। लेकिन हम यह ऐसा कभी नहीं कर सकते हैं कि उनको फिर से ऐसा मौका दें। इसके लिए हमको सचेत और तैयार रहना होगा। 

कैप्टन अखिलेश सक्सेना से बातचीत का पूरा वीडियो...

 

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