कर्नाटक की 224 सीटें के लिए 10 मई को वोटिंग हुई थी। बेंगलुरु का पुलकेशीनगर विधानसभा क्षेत्र 2020 में हुए दंगों के कारण बदनामी झेल चुका है। यहां से कांग्रेस के सिटिंग एमएलए अखंड श्रीनिवास मूर्ति बगावत करके बसपा से मैदान में उतर गए थे।
बेंगलुरु. कर्नाटक की 224 सीटें के लिए 10 मई को वोटिंग हुई थी। बेंगलुरु का पुलकेशीनगर विधानसभा क्षेत्र 2020 में हुए दंगों के कारण बदनामी झेल चुका है। यहां से कांग्रेस के सिटिंग एमएलए अखंड श्रीनिवास मूर्ति बगावत करके बसपा से चुनाव लड़े। हालांकि वे कांग्रेस के एसी श्रीनिवास से हार गए। यहां से कांग्रेस के एसी श्रीनिवास को 87000 से अधिक वोट मिले, जबकि बसपा के अखंड श्रीनिवास मूर्ति को 24000 के करीब वोट। भाजपा के ए मुरली को 10500 के करीब वोट हासिल हुए। आइए जानते हैं उनकी राजनीति कहानी...
बेंगलुरु का पुलकेशीनगर विधानसभा क्षेत्र 2020 में हुए दंगों के कारण बदनामी झेल चुका है। यहां से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति को टिकट नहीं दिया था। वे बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए। उनका मुकाबला जनता दल (एस) की अनुराधा, कांग्रेस के एसी श्रीनिवास और भाजपा के मुरली से था। 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मूर्ति ने 97,574 वोट और 77 फीसदी वोट शेयर हासिल किए थे। इस विधानसभा क्षेत्र में 1,24,771 मुस्लिम (53.5 फीसदी) तथा 80,000 (36 फीसदी) एससी, एसटी और ओबीसी वोटर थे।
अखंड श्रीनिवास मूर्ति का जन्म 2 फरवरी, 1969 को हुआ था। वे 12 वीं पास हैं। उन्होंने अपनी सम्पत्ति 20 करोड़ से अधिक घोषित की थी।
यह भी जानिए
कर्नाटक विधानसभा 2023 के लिए 10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की थी। चुनाव आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ था। इसे 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक बताया गया।
यह भी पढ़ें