कर्नाटक राज्य शिक्षा बोर्ड की टॉपर तबस्सुम का कहना है कि पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा समय सुबह 4 से 8 बजे के बीच होता है।
बेंगलुरु: कर्नाटक राज्य शिक्षा बोर्ड (Karnataka State education board ) में 12वीं कक्षा की पीयूसी परीक्षा (PUC examination) में हिजाब गर्ल तबस्सुम शेख ने टॉप किया है। उन्होंने 600 में से 593 अंक हासिल किए हैं। राज्य टॉपर 18 वर्षीय तबस्सुम शेख (Tabssum Shaik) का कहना है कि पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा समय सुबह 4 से 8 बजे के बीच होता है। उन्होंने कहा कि मेरा दिमाग उस समय फ्रेश होता है और मुझे लगता है कि यह पढ़ाई करने का सबसे अच्छा समय है।
बता दें कि तबस्सुम शेख उन 6 लड़कियों में से एक थीं, जिन्हें 2022 में कॉलेज यूनिफॉर्म रूल लागू करने के सरकार के सख्त फैसले के बाद उडुपी जिले के एक निजी पीयूसी कॉलेज (private PUC college) में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इसके चलते पूरे जिले में विरोध प्रदर्शन हुआ और चार लड़कियों ने नियम को चुनौती देते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
तबस्सुम का कहना है कि इस एनर्जी मैनेजमेंट (Energy management) तकनीक ने उन्हें यह महसूस करने में मदद की कि वह सुबह के समय एनर्जी से भरी होती हैं। उन्होंने कहा, "मैंने सबसे कठिन चैप्टर की पढ़ाई उस समय की, जब मेरे अंदर सबसे ज्यादा एनर्जी होती थी और मैंने महसूस किया कि सुबह 4 बजे से 8 बजे के बीच मैं एनर्जी से भरी होती थी।"
तबस्सुम शेख ने हिजाब पर शिक्षा को दी अहमियत
तबस्सुम ने कहा कि वह अब हिजाब विवाद (Hijab controversy) से आगे बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि उनके माता-पिता ने उन्हें हिजाब से ज्यादा शिक्षा लेने की सलाह दी थी। हिजाब पहने तबस्सुम ने मीडियाकर्मियों से कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे हिजाब के मुद्दे को दरकिनार कर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी और मुझे उम्मीद थी कि मेरे लगभग 95 प्रतिशत अंक मिलेंगे।”उन्होंने बताया कि जिस समय उनके कॉलेज के एक टीचर ने उन्हें राज्य में टॉप करने के बारे में खबर देने के लिए बुलाया, तो वह सो रही थीं। जब उनके परिवार को उनके टॉप करने का पता चला, तो उनके माता-पिता भी बहुत खुश थे।
हिजाब विवाद से दुखी तबस्सुम
तबस्सुम ने बताया कि जब वह पांच साल की थी तब से हिजाब (Hijab) पहन रही है। "यह मेरी पहचान का हिस्सा है और मैं इस विवाद के कारण बहुत दुखी और परेशान थी।"तब्ससुम ने बताया कि विवाद के बादउनके माता-पिता ने उन्हें बताया कि “मुसलमानों को बैकवर्ड और शिक्षा से वंचित रखने के लिए हिजाब नियम लागू करना एक चाल थी और यह गलत था।”
क्लिनिकल साइकलोजिस्ट बनना चाहती हैं तबस्सुम
तबस्सुम कहती हैं कि कोई भी मुस्लिम महिलाओं पर हिजाब नहीं थोपता। "ऐसा नहीं है कि आपको अचानक हिजाब पहनने के लिए कहा जाता है। मैंने अपने माता-पिता से इसके बारे में सवाल पूछा और जवाब मिलने के बाद ही मैंने इसे पहनना शुरू किया।” तबस्सुम लिबरल आर्ट्स पढ़ना चाहती है और क्लिनिकल साइकलोजिस्ट बनना चाहती हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने अपने सिस्टेमैटिक सेल्फ स्टडी और कॉलेज में अच्छे शिक्षकों के कारणपरीक्षा में टॉप किया। उन्होंने बताया कि कॉलेज ने उन्हें सेल्फ- स्टडी के लिए एक महीने की छुट्टी दी। इस समय के दौरान उन्होंने रोजाना 8से 9 घंटे पढ़ाई की।
कॉन्टेन्स सोर्सः आवाज द वाइस