करतारपुर कॉरीडोर हो रहा तैयार, 8 नवंबर को रवाना होगा श्रद्धालुओं का पहला जत्था

भारत-पाकिस्तान के बीच यह गलियारा करतारपुर के दरबार सिंह को भारत में पंजाब के गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल से जोड़ेगा। तीर्थयात्रियों को सिर्फ एक परमिट लेकर इस गलियारे के जरिए करतारपुर साहिब की यात्रा कर सकेंगे।

डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर): गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू होने की संभावना है। आगे पाकिस्तान की यात्रा के लिए ‘‘जीरो प्वाइंट’’ को जोड़ने वाला चार-लेन का राजमार्ग तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को औपचारिक रूप से बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे। उस समय तक तीर्थयात्रियों की निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों की मेजबानी के लिए अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल के साथ, खाने-पीने के सामान की दुकानें, पार्किंग स्थल और सुरक्षा केंद्र भी तैयार हो जाएंगे।

पाकिस्तान की ओर कार्य की गति बेहद धीमी

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भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने बताया,‘‘गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के 20 अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है।’’यात्री टर्मिनल का कुल क्षेत्रफल 2.5 लाख वर्ग फुट है और यह 20 एकड़ में बनाया जा रहा है। परियोजना के लिए कुल 50 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई है। भारत ने प्रस्ताव दिया है कि तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आठ नवंबर को सीमा पार कर पाकिस्तान जाए। मोहन ने कहा कि चार-लेन वाले राजमार्ग और अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल का काम अक्टूबर के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसमें 5,000 तीर्थयात्रियों को समायोजित किया जा सकेगा।

पाकिस्तान की ओर कार्य की धीमी गति इधर से स्पष्ट रूप से दिखाई देती है क्योंकि सड़क और उस पुल पर कोई काम नहीं हो रहा है जो भारत द्वारा तैयार सड़क को जोड़ेगा। मोहन ने कहा कि पाकिस्तान ने निर्माण कार्य को टाल दिया है, लेकिन आश्वासन दिया है कि वह समय पर काम पूरा कर देगा। गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर पाकिस्तान में स्थित सबसे पवित्र सिख तीर्थस्थलों में से एक है। मोहन ने कहा कि पाकिस्तान की ओर पुल और सड़क नहीं होने के कारण जीरो प्वाइंट तक के लिए एक वैकल्पिक सड़क बनाई जा रही है।

कॉरिाडोर में चल रहा है काम

दोनों देश तीर्थयात्रा की समय अवधि और इस्लामाबाद द्वारा प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 अमेरिकी डॉलर शुल्क लेने पर जोर दिए जाने के संबंध में बातचीत कर रहे हैं। यात्री टर्मिनल पर कुल 55 आव्रजन काउंटर स्थापित किए जा रहे हैं। वीजा की कोई जरूरत नहीं होगी लेकिन तीर्थयात्रियों को अपने पासपोर्ट साथ में रखने होंगे। शापूरजी पलोनजी समूह के उपाध्यक्ष शैलेंद्र अजरी ने कहा कि 1,832 श्रमिक कई पालियों में काम कर रहे हैं और 58 बड़ी क्रेनों की भी मदद ली जा रही है। मोहन ने यह भी कहा कि गलियारे में मोबाइल नेटवर्क पर काम चल रहा है। इसके अलावा उन लोगों के लिए दर्शन स्थल पर भी काम चल रहा है जो पाकिस्तान में गुरुद्वारे की यात्रा नहीं कर सकेंगे। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के करीब 18 साल रावी नदी के किनारे स्थित गुरुद्वारा करतारपुर में बिताए थे।

पिछले साल नवंबर में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में 178 करोड़ रुपए  से करतारपुर गलियारे की नींव रखी थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

 

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